मणिपुर हिंसा पर फूटा एक्टर आशुतोष राणा का गुस्सा, लिखा- ‘जब भी स्त्री का चीरहरण हुआ….

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Actor Ashutosh Rana's anger erupted over Manipur violence, wrote- 'Whenever a woman was ripped apart....
Actor Ashutosh Rana's anger erupted over Manipur violence, wrote- 'Whenever a woman was ripped apart....
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MP News:  मणिपुर इन दिनों जातीय हिंसा की चपेट में है, लेकिन अब एक वीडियो को लेकर मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव फैल गया है. जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो चार मई का है और दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से हैं, वहीं जो लोग महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं वो सभी मैतई समुदाय से हैं. मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, इस पूरे मामले पर एक्टर और लेखक आशुतोष राणा ने लिखा कि इतिहास साक्षी है जब भी किसी अतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है तो उसकी कीमत संपूर्ण मानव जाति को चुकानी पड़ी है.

मणिपुर में जातीय हिंसा में कुकी समुदाय कि दो महिलाओं को नग्न करके घुमाने का भयावह वीडियो की हर तरफ चर्चा हो रही है. क्या नेता, क्या आम लोग जिसने भी वीडियो देखा हैरान रह गया, एक्टर अक्षय कुमार, संजय दत्त, कियारा आडवाणी, स्वरा भास्कर और आशुतोष राणा ने इस घटना पर टिप्पणी की है. 

जब भी स्त्री का चीरहरण हुआ..
एक्टर आशुतोष राणा ने लिखा  कि “इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है. जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं. वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते हैं. लोकतंत्र के इन चारों स्तंभों को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा तभी. वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रलय के ताप से मुक्त कर पाएंगे”

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स्त्री का अपमान यानि मानवता पर कलंक
राणा ने आगे लिखा कि “अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस व मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक रूप से उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है, सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, पोषण, संवर्धन के लिए वचनबद्ध हैं. हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान.. आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की भांति है.”

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मणिपुर में हिंसा की वजह?
मणिपुर में मैतेई समुदाय जनजाति का दर्जा मांग रहा है. इसपर विचार के लिए हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश भी दिया था. लेकिन कोर्ट से इस फैसले से नगा और कुकी जनजाति समुदाय भड़क गए. फिर उन्होंने प्रदर्शन किया, जिसके बाद गतिरोध बढ़ता गया और इसने हिंसा का रूप ले लिया.

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