धार भोजशाला की 2000 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट ASI ने हाईकोर्ट में पेश की, हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे

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धार भोजशाला सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश
धार भोजशाला का सर्वे कर रही टीम को मिला समय
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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भोजशाल सर्वे को लेकर ASI की वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी गई है.

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सोमवार को ASI के वकील ने इंदौर हाई कोर्ट में पेश किया है.

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जानकारी के मुताबिक यह रिपोर्ट 2000 से ज्यादा पन्नों में है.

Dhar Bhojshala Survey: धार भोजशाला सर्वे रिपोर्ट को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग ने इंदौर हाईकोर्ट में पेश कर दिया है. यह रिपोर्ट करीब 2000 पन्नों की है. जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं. लगातार 98 दिन तक चले इस सर्वे में टीम को कई प्रमाण/अवशेष भी मिले हैं. जिन्हें टीम द्वारा रिपोर्ट में शामिल कर कोर्ट में पेश किया गया है. इस पूरे मामले की सुनवाई 22 जुलाई को नियत की गई है.

टीम ने कोर्ट से मांगा था अतिरिक्त समय

जानकारी के मुताबिक धार की भोजशाला में 22 मार्च से इंदौर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वे की रिपोर्ट आज इंदौर हाईकोर्ट में ASI द्वारा पेश की गई. एएसआई द्वारा करीब 2000 पेज की रिपोर्ट बनाई गई है. जिसे आज हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया गया. दरअसल एएसआई को 2 जुलाई को माननीय हाईकोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश करना थी. लेकिन, सर्वे रिपोर्ट पूर्ण नहीं होने के कारण ASI की टीम ने दो सप्ताह का समय हाईकोर्ट से मांगा गया था. जिस पर इंदौर हाई कोर्ट ने एएसआई की टीम को दो सप्ताह का समय दिया गया है. जिसका आज समय समाप्त हो गया है. ASI द्वारा आज सर्वे रिपोर्ट पेश की गई. जिसकी सुनवाई 22 जुलाई को नियत की गई है.

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क्या क्या मिला ASI टीम को? 

आपको बता दें ASI टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कई अहम सुबूत पेश किए गए हैं. इसके साथ ही कई अवशेष भी टीम को प्राप्त हुए हैं. हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने दावा किया है कि जो सर्वे हमारे सामने हुआ था, उस आधार पर हम कह रहे हैं कि "यह इमारत राजा भोज के काल की ही साबित होगी जिसे सन् 1034 में बनाया गया था. यह परमारकालीन इमारत है, यह तथ्यों से भी प्रमाणित होता है"

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आखिर क्या भोजवाला है विवाद? 

हिंदू संगठन भोजशाला को राजा भोज कालीन इमारत बताते हुए इसे सरस्वती का मंदिर मानते हैं. हिंदुओं का तर्क है कि भोज परमार कालीन में यहां कुछ समय के लिए मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई थी. दूसरी ओर, मुस्लिम समाज का कहना है कि वो सालों से यहां नमाज पढ़ते आ रहे हैं. मुस्लिम इसे भोजशाला-कमाल मौलाना मस्जिद कहते हैं. यही कारण है कि आज इसके सर्वे को लेकर कोर्ट ने आदेश जारी किया है.

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