मध्यप्रदेश की लाइफ लाइन बनने वाले दो बड़े नदी जोड़ो अभियान को लेकर सीएम मोहन यादव ने कर दिया बड़ा खुलासा
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CM Mohan Yadav: सीएम मोहन यादव ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने एक्स पर पोस्ट की. जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश की लाइफ लाइन बनने वाले दो बड़े नदी जोड़ो अभियान को लेकर बड़ा खुलासा कर दिया. सीएम मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी इस मुलाकात का जिक्र एक्स पर की गई पोस्ट में विस्तार से किया है.
सीएम मोहन यादव ने एक्स पर लिखा कि "मध्यप्रदेश से जुड़े दो बड़े नदी जोड़ो अभियान के प्रोजेक्ट हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रूचि है. इसे लेकर उनकी मुलाकात जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से हुई है. केन-बेतवा नदी जोड़ो अभियान और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर हमारी सरकार गंभीरता के साथ कार्य कर रही है. साथ ही उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है. इन परियोजनाओं के प्रारंभ होने से बुंदेलखंड के साथ ही प्रदेश के अन्य क्षेत्र के जिलों को भी लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रत्यक्ष मुलाकात कर उन्हें निमंत्रण दिया, जिसमें उन्होंने अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी है".
आपको बता दें कि ये दोनों नदी जोड़ो परियाेजना मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड, चंबल इलाके में लंबे समय से चली आ रही पानी की समस्या का निदान होगा. इसे लेकर मध्यप्रदेश सरकार लगातार राजस्थान सरकार और उत्तरप्रदेश सरकार के साथ समन्वय बनाकर काम कर रही है. इन प्रोजेक्ट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिलचस्पी ले रहे हैं.
क्या है पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना
मध्य प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार के बीच बीते 28 जनवरी को ही जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर साइन हुए थे. इस परियोजना की वजह से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा. प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा.
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क्या है केन-बेतवा लिंक परियोजना
इस परियोजना से मध्य प्रदेश के नौ और उत्तर प्रदेश के चार जिले लाभान्वित होंगे. मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड को भी पानी की पर्याप्त आपूर्ति हो सकेगी और पानी मिलने की वजह से बुंदेलखंड में जो किसानी को लंबे समय में नुकसान हुआ है, उसे अब दुरुस्त किया जा सकेगा. किसानी ठीक हुई तो बुंदेलखंड से होने वाला पलायन भी रोका जा सकेगा. इसलिए भी यह परियोजना बुंदेलखंड के विकास को लेकर बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है.
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