अब फंस गईं इस्तीफा देने वाली डिप्टी कलेक्टर, प्रशासन ने भेज दिया ये नोटिस
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Betul News: इस्तीफा देकर सुर्खियों में आई डिप्टीअघ सीएम निशा बांगरे अब मुश्किलों में घिर गईं हैं. छतरपुर की पूर्व डिप्टी सीएम निशा बांगरे को सामान्य प्रशासन विभाग ने नोटिस भेज दिया है. निशा बांगरे के ऊपर सरकारी आवास पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए नोटिस जारी किया है.
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए निशा बांगरे ने कई बड़े आरोप लगाए थे. निशा बांगरे ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है. लेकिन उनके कार्यक्रम को कोई ताकत नहीं रोक सकती है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि अपने पद और पावर का दुरुपयोग करके हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ और मेरे परिवार के साथ उन्होंने जो अत्याचार किया है, वह हम बैठकर बर्दाश्त नहीं करेंगे.
निशा बांगरे को मिला नोटिस
निशा बांगरे को जारी नोटिस में लिखा गया है कि निशा बांगरे को चार ईमली आवास की अनुमति जारी नहीं की गई थी, इसके बावजूद उन्होंने उस आवास पर अपना कब्जा बनाये रखा. इसके बारे में उन्हें पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका है. नोटिस में लिखा है कि निसा बांगरे का इस तरह से शासकीय आवास पर अवैध कब्जा सिविल सेवा अधिनियम का उल्लंघन है और ये दंडनीय है.
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क्या है पूरा मामला
निशा बांगरे छतरपुर की पूर्व डिप्टी सीएम हैं. उन्होंने एक पत्र लिखकर ये आरोप लगाए थे कि उन्हें गृह प्रवेश और अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में जाने के लिए अनुमति चाहिए थी, लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया. इससे दुखी होकर निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद निशा बांगरे ने शासन-प्रशासन पर कई बड़े आरोप लगाए थे. अब उनके ऊपर सरकारी आवास पर अवैध कब्जा करने को लेकर नोटिस जारी किया गया है.
निशा बांगरे ने लगाए थे ये आरोप
निशा बांगरे ने आरोप लगाते हुए कहा था कि शासन-प्रशासन छोटी मानसिकता के कारण हमें परेशान कर रहा है. निशा बांगरे ने आरोप लगाया कि शासन और जिला प्रशासन के मुखिया द्वारा एक धार्मिक कार्यक्रम में नकारात्मक ताकतें लगाकर उसे विफल करने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. मुझे कार्यक्रम में जाने से रोका जाए और जब मैं नहीं रुक पा रही हूं तो आयोजन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री को भी भ्रमित करने का काम अधिकारियों ने किया है. निशा बांगरे के राजनीति में उतरने के भी कयास लगाए जा रहे हैं.
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इस्तीफे के बाद लगातार मिल रहे नोटिस
एमपी तक से बात करते हुए निशा बांगरे ने कहा कि “जब मेरा भोपाल से छतरपुर ट्रांसफर हुआ था तो मुझे चार-पांच महीने तक छतरपुर में शासकीय आवास नहीं मिला तो मैं क्या करती, भोपाल में सड़क पर अपना सामान रखती. इस बारे में मैंने संबंधित कलेक्टर और GAD को भी बता दिया था. दंडित करने के नोटिस पर बोली के इस्तीफे से बड़ी क्या बात हो सकती है. अब जब मैंने इस्तीफा ही दे दिया है तो क्या दंड देंगे. अब जब मैंने इस्तीफा दे ही दिया है तो मैं खाली कर ही दूंगी. मैंने जिस दिन इस्तीफा दिया उसी डेट में तरह-तरह के नोटिस निकल रहे हैं. निशा ने बताया कि उनको कल शाम को भी 22 तारीख की डेट का एक नोटिस मिला है. जिसमें कहा गया है कि आप सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो रही हैं. इसका स्पष्टीकरण दीजिए और मुझसे कल के कल में जवाब देने को कहा गया. इस्तीफा देने के बाद इस तरह के नोटिस देने का क्या औचित्य है.
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