Bhojshala Survey: धार भोजशाला की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने कहा- SC के डायरेक्शन का करेंगे इंतजार
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न्यूज़ हाइलाइट्स
इंदौर हाईकोर्ट में सोमवार को भोजशाला मामले में सुनवाई हुई
हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने दीजिए
सुप्रीम कोर्ट के बाद एएसआई की रिपोर्ट पर सुनवाई की जाएगी
Dhar Bhojshala Survey Report: इंदौर हाईकोर्ट में सोमवार को धार भोजशाला मामले में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई और आदेश का इंतज़ार करेंगे. पहले कोई सुप्रीम काेर्ट का डायरेक्शन आने दीजिए, इसके बाद एएसआई की रिपोर्ट पर सुनवाई करेंगे.
इस दौरान हिंदू पक्षकार एडवोकेट हरिशंकर जैन और मुस्लिम पक्ष की ओर से एडवोकेट सलमान खुर्शीद सुनवाई में वर्चुअली जुड़े. मौलाना कलामुद्ददीन वेलफेयर सोसायटी की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए कम से कम 4 हफ्ते का समय लगेगा.
हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की ओर से वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने बेंच को बताया कि उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन देकर 1 अप्रैल 2024 को दिए स्टे को निरस्त करने की मांग की गई है. जिस पर इसी महीने के अंत तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना होगा: हाईकोर्ट
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए पहले वहां के आदेश या मत का इंतजार करना होगा. इसलिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इसे लेकर कोई सुनवाई नहीं होगी. हाईकोर्ट बेंच अगली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और आदेश का इंतज़ार करेगा.
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एएसआई पेश कर चुका है अपनी रिपोर्ट
एएसआई अपनी सर्वे रिपोर्ट पेश कर चुका है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कोई भी कार्रवाई उसकी अनुमति के बगैर नहीं की जाएगी. मुस्लिम पक्ष की भोजशाला को लेकर दो याचिकाएं पहले से पेंडिंग है. अब फैसले से पहले उनके निराकरण की मांग मुस्लिम पक्ष ने की है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 15 जुलाई तक रिपोर्ट सबमिट करने के लिए एएसआई को समय दिया था और अगली तारीख 22 जुलाई तय की थी.
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Dhar Bhojshala में सर्वे में क्या मिला?
बता दें कि धार भोजशाला विवाद पर एएसआई ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की है. इस रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं. जिसमें कहा गया है कि विभिन्न धातुओं के सिक्के और मूर्तियां परमार कालीन राजा धार के समय के हैं. दावा है कि एएसआई की रिपोर्ट लीक हो चुकी है, जिसमें कहा गया है कि विवादित स्थल पर पहले एक हिंदू मंदिर था. धार नगरी की ऐतिहासिक भोजशाला के सर्वेक्षण के बाद ASI ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा कि परिसर से चांदी, तांबे, एल्यूमीनियम और स्टील के कुल 31 सिक्के, जो इंडो-ससैनियन (10वीं-11वीं सदी), दिल्ली सल्तनत (13वीं-14वीं सदी), मालवा सुल्तान (15वीं-16वीं सदी), मुगल (16वीं-16वीं सदी) के काल के हैं.
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इनपुट- इंदौर से धर्मेद्र शर्मा
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