मध्य प्रदेश में 18 हजार पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की जल्द शुरू होगी भर्ती, हाईकोर्ट दे दिया बड़ा फैसला

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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बेरोजगार युवकों के हक में हाईकोर्ट के ने बड़ा फैसला सुनाया है

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2022 से रुकी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती को क्लियर कर दिया है

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DPI को इन पदों पर भर्ती शुरू करने के आदेश दिए हैं

MP High Court order on 18 Thousand Teachers Recruitment: मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवकों में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के इस बड़े फैसले से खुशी की लहर दौड़ गई. दरअसल, मध्य प्रदेश में 2022 से रुकी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) को शिक्षकों की 18000 पदों पर भर्ती शुरू करने का आदेश दिया है. प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती 2022 में निकली थी, इसे लेकर तमाम याचिकाएं कोर्ट में लगी हुई थीं, इसका निस्तारण करते हुए High Court बड़ा फैसला सुनाया. 

प्राथमिक शिक्षकों की 18000 पदों पर होने वाली भर्ती का ये फैसला High Court के जजों की डबल बेंच ने सुनाया है. 1 जनवरी 2024 की स्थिति में याचिकाकर्ताओं की आयु को 21 वर्ष की गणना कर नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए. पात्रता परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की न्यूनतम  सीमा को लेकर विवाद था. 

डबल बेंच ने सुनाया फैसला

हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाओं का निराकरण कर दिया है. हाईकोर्ट ने 1 जनवरी 2024 की स्थिति में याचिकाकर्ताओं की आयु को 21 वर्ष की गणना कर नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं. जबलपुर की डिवीजनल बेंच जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने 2022 से लंबित 13 याचिकाओं का निराकरण करते हुए आदेश दिए हैं.

देखिए ये खास वीडियो

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भर्ती प्रक्रिया के अंत में कर दिया बाहर

बता दें कि याचिकाओं के याचिकाकर्ता प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 की पात्रता परीक्षा 18 वर्ष की आयु में उत्तीर्ण कर चुके थे. डीपीआई और ट्राईबल वेलफेयर विभाग द्वारा लगभग 18 हजार पदों की भर्ती हेतु संयुक्त काउंसलिंग की गई. और नियम पुस्तिका जारी कर दिनांक 1 जनवरी 2022 की स्थिति में नियुक्ति हेतु अभ्यर्थी की कम से कम 21 वर्ष आयु निर्धारित की गई थी, जिसके कारण याचिकाकर्ताओं को सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया में शामिल करके अंत में यह कहते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया कि आपकी निर्धारित आयु 21 वर्ष से कम है. जिससे पीड़ित होकर डीपीआई द्वारा जारी निर्देशिका तथा भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

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