पटवारी परीक्षा पास करने वाली संजना का चैलेंज, बोलीं- मैथ्स की गोल्ड मेडलिस्ट हूं, चाहे जैसा टेस्ट ले लो…
ADVERTISEMENT
MP Patwari Scam: मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी है और अब भर्ती प्रक्रिया की जांच की बात की जा रही है. इसी बीच अब पटवारी परीक्षा पास करने वाली परीक्षार्थी संजना दहिया का बयान सामने आया है. संजना दहिया के बयान ने इस मामले में नया मोड़ सामने आया है. संजना ने चैलेंज करते हुए कहा कि कोई भी उनका टेस्ट ले ले.
संजना ने एमएससी मैथमेटिक्स में संजना ने गोल्ड मेडल हासिल किया है. उनकी 5 साल की बेटी भी है. पति राहुल दहिया प्राइवेट जॉब करते हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली संजना का भी सपना था कि वह सरकारी नौकरी करें. इसी सपने को पूरा करने के लिए उसने पटवारी भर्ती परीक्षा का फॉर्म भरा और परीक्षा दी. मेहनत रंग लाई और संजना परीक्षा में पास भी हो गई, लेकिन फिर पटवारी परीक्षा में लगे धांधली के आरोप ने सबकुछ बदल दिया.
सीएम शिवराज से लगाई ये गुहार
पटवारी के परीक्षा परिणाम से घर में खुशियां थीं कि अब संजना जल्द ही सरकारी नौकरी भी करने लगेगी. लेकिन सुनीता की खुशियों को उस समय ग्रहण लग गया जब सरकार ने पटवारी भर्ती में रोक लगा दी. सुनीता का कहना है कि अगर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी हुई है तो सरकार जांच जरूर करें, लेकिन उन अभ्यार्थियों को नियुक्ति दे जिन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ पटवारी परीक्षा को पास किया है. संजना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मामा कहते हुए कहा है कि हमें अपने मामा से पूरी उम्मीद है कि वह उन्हें नियुक्तियां जरूर देंगे.
ADVERTISEMENT
पति ने नौकरी छोड़कर तैयारी
संजना ने बताया कि पटवारी भर्ती परीक्षा की तैयारी के लिए उसे समय नहीं मिल पा रहा था तो उसके पति ने अपना प्राइवेट जॉब छोड़ कर पढ़ाई में उसकी मदद की. दिन-रात की कड़ी मेहनत और पूरे परिवार की कठिन परिश्रम के बाद परीक्षा में सफलता हासिल की थी, लेकिन अब एक बार फिर उनके हाथ निराशा लग गई है. संजना ने कहा कि अगर इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग जाती है तो संजना जैसे हजारों युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा, क्योंकि बहुत सारे ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनके सामने आगे चलकर उम्र और आर्थिक स्थिति आड़े आएगी.
ऐसे लगे धांधली के आरोप
पटवारी परीक्षा के रिजल्ट सामने आने के बाद धांधली के आरोप लगे थे. दरअसल इस परीक्षा को पास करने वाले 10 में से 7 टॉपर एक ही एग्जाम सेंटर से थे. शक तब और गहरा हो गया, जब मंडल की तरफ से टॉपर्स की लिस्ट ही जारी नहीं की गई. छात्रों ने मांग की कि टॉपर लिस्ट जारी हो और किसने कहां पेपर दिया है, उसमें ये जानकारी भी दी जाए. इसके बाद टॉपर्स लिस्ट जारी की गई. तब पता चला कि टॉप 10 में से 7 उम्मीदवारों ने ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी.पहले पटवारी परीक्षा नहीं पास कर पाए अभ्यर्थियों ने भोपाल में इसके विरोध में प्रदर्शन किया था. हजारों छात्र सड़कों पर उतरे थे .
ADVERTISEMENT
ये भी पढ़ें: पटवारी परीक्षा में हुई धांधली की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे, शिवराज सरकार का बड़ा फैसला
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT