पहला दीया महाकाल के दरबार में, अनादिकाल से चली आ रही दिवाली मनाने की परंपरा की रोशन शुरुआत
ADVERTISEMENT
MP News: उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आज सुबह भस्म आरती में देश की सबसे पहले दीपावली मनाई गई, यहां पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा महाकाल को हल्दी चंदन का उबटन लगाया, जिसके बाद गर्म जल से उन्हें स्नान कराया गया. महाकाल को सोने-चांदी के आभूषणों से शृंगार किया गया. इसके बाद पंडे-पुजारियों ने बाबा महाकाल को नए वस्त्र पहनाए, इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की गई.
महाकाल मंदिर में परंपरा अनुसार हिंदू धर्म के सभी प्रमुख त्योहार सबसे पहले मनाए जाते हैं. मान्यता है, कि भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं, इसलिए त्योहार की शुरुआत राजा के आंगन से होती है. इसके बाद प्रजा उत्सव मनाती है.
सबसे पहले मनाया जाता है हर त्योहार
राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में आज दीपावली पर्व की धूम रही. तडक़े 4 बजे भस्म आरती में पुजारी परिवार की महिलाओ ने भगवान महाकाल को केसर चंदन का उबटन लगाया. इसके बाद बाबा को गरम जल से स्नान कराया गया. श्रृंगार के बाद अन्नकूट का महाभोग लगाकर फूलझड़ी से आरती की गई. मंदिर की परंपरानुसार सभी त्योहार सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन में मनाए जाते है.
अनादिकाल से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार इस बार भी आज दीपावली मनाई जाएगी. इस दिन से सर्दी की शुरुआत भी मानी जाती है, इसलिए भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक चलेगा.
ADVERTISEMENT
क्या है पूजा का शुभ मुहुर्त?
प्रदोष काल 12 नवंबर 2023- सायंकाल 05:11 से 07:39 बजे तक
वृषभ काल (स्थिर लग्न) -05:22 बजे से 07:19 बजे तक
दिवाली का रात को महालक्ष्मी पूजा के लिए यह निशीथ काल मुहूर्त भी अच्छा माना जाता है। निशीथ काल का मुहूर्त 11:39 बजे से रात्रि 12:30 बजे तक रहेगा। जिसकी अवधि लगभग 52 मिनट की होगी.
ADVERTISEMENT
ये भी पढ़ें: Diwali 2023: दीपावली पर कब करें पूजन? यहां जानें क्या है पूजा का शुभ मुहुर्त?
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT