नाम बदला काम बदला, ऐसे लोगों को लेती थी झांसे में, अब फंसी पुलिस के चंगुल में, पढ़ें लेडी डॉन की कहानी

सर्वेश पुरोहित

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MP News: पोल्ट्री फॉर्म और फाइनेंस का झांसा देकर ठगने वाली इंदौर की लेडी डॉन सपना को ग्वालियर पुलिस ने धर दबोचा है. इंदौर की लेडी डॉन ने ग्वालियर के डीडी नगर में फर्जी दफ्तर खोला था, जहां लोगों को फंसाकर हर महीने मोटा मुनाफा देने का लालच देकर ठगी करती थी. लेडी डॉन की पूरी गैंग दफ्तर को बंद करके भागने की फिराक में थी. इसी बीच पुलिस ने सपना को दबोच लिया, जबकि 2 बदमाश फरार हो गए.

आरोपी सपना मूलतः कुंजवन कॉलोनी इंदौर की रहने वाली है और इंदौर में भी अपराधिक मामले दर्ज हैं. पूर्व पति अतुल शर्मा के साथ 2006 में चिटफंड कारोबारी में उस पर सीहोर पुलिस ने केस दर्ज किया था. फ़िलहाल पुलिस ने लेडी डॉन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर अन्य ठगी की वारदात को लेकर पूछताछ करते हुए फरार हुए उसके गैंग के दो साथियों की तलाश शुरू कर दी है.

पहचान बदलकर कर रही थी ठगी का कारोबार
इंदौर पुलिस का सिरदर्द सपना साहू एक महीने से ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के दीनदयाल नगर में डेरा जमाई थी. उसने चावला मार्केट डीडीनगर में एग्रो सीड्स एंड फार्मिंग के नाम से फर्जी दफ्तर खोला था. जहां सपना साहू ने अपनी पहचान छिपाई और सुरभि शर्मा बनकर ठगी का कारोबार कर रही थी. उसने शंकपुरी गोला का मंदिर निवासी ट्रैवल्स कारोबारी गजराज सिंह सिकरवार और कमलेश कुशवाह को अपने जाल में फंसाकर रुपये ऐंठे.

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ऐसे जाल में फंसाकर की ठगी
गजराज को दोस्त रामहेत तोमर के जरिए पता चला था कि एग्रो सीडस कंपनी को किराए पर गाड़ियों की जरूरत है. इसलिए कंपनी के दफ्तर गए. सपना ने दोनों गाड़ियों को 1 लाख 20 हजार रुपया महीना किराए पर लेना तय किया. दूसरे दिन उन्हें लेडी डॉन के साथी सौरभ चौहान और हरीश भाटिया ने उनसे खेत भी ठेके पर लेकर पॉल्ट्री फॉर्म खोलने को कहा. उसके एवज में 1 लाख रुपये महीना देने की बात कहते हुए 45 दिन में खेत को पॉल्ट्री फार्म में बदल देने को कहा. लेकिन शुरुआत में उन्हें भी 3 लाख 60 हजार रुपये निवेश करना होगा. जालसाजों पर भरोसा कर गजराज ने 1 लाख 50 हजार सपना और इसकी गैंग को दे दिए.

कर्मचारियों ने पकड़वाया
इस गैंग का दूसरा शिकार कमलेश कुशवाह बना. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि सपना और उसकी गैंग ने उन्हें कार फाइनेंस कराने का झांसा देकर 1 लाख 86 हजार रुपए और देवेन्द्र गुर्जर से 50 हजार रुपए ठगे हैं. ठगों ने दफ्तर में कुछ लोगों को नौकरी पर भी रखा था. ठग जब पैसा समेटकर भागने की फिराक में था, तब कर्मचारियों को शक हो गया. इन लोगों ने पुलिस को बुला लिया. जब पुलिस आई तो सपना मिल गई, लेकिन सौरभ चौहान और हरीश भाटिया भाग निकले. फिलहाल पुलिस आरोपी सपना से पूछताछ में जुटी हुई है.

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