धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरोध में प्रदर्शन, सड़कों पर लगाए मुर्दाबाद के पोस्टर, FIR दर्ज करने की उठाई मांग
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Dhirendra Krishna Shastri: एक ओर जहां बिहार में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके गृह राज्य में उनका विरोध किया जा रहा है. ये विरोध हो रहा है सहस्त्रबाहु कलचुरि महासभा के द्वारा. दरअसल कुछ समय पहले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भगवान सहस्त्रबाहु को लेकर विवादित बयान दिया था, जिस पर हैहय समाज और कलचुरी समाज ने नाराजगी जताई थी, अब उनका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों बिहार में कथा कर रहे हैं. उनकी कथा में लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. भीड़ की वजह से उन्हें कथा कैंसिल तक करनी पड़ी. बिहार के लोगों का स्वागत और प्रेम देखकर धीरेंद्र शास्त्री अभिभूत हैं, वहीं मध्य प्रदेश में कलचुरी समाज द्वारा उनका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
विरोध में लगाए पोस्टर
शनिवार को भोपाल के अलग-अलग इलाकों में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें उनसे भगवान सहस्त्रबाहु को लेकर दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग रखी गई है. पोस्टरों पर धीरेंद्र शास्त्री मुर्दाबाद के नारे लिखे हैं, वहीं एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गई है. श्री सहस्त्रबाहु कलचुरि महासभा के मुताबिक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भगवान सहस्त्रबाहु के बारे में आपतिजनक टिप्पणी की है और वह पुराणों और शास्त्रों का हवाला दे रहे हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोशल मीडिया पर खेद तो जताया है, लेकिन माफ़ी नहीं मांगी है.
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वीडियो जारी कर जताया था खेद
आपको बता दें कि कुछ समय पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से वीडियो ट्वीट करते हुए अपने बयान पर खेद जताया था. वीडियो में जारी बयान में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि ‘विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है. उन्होंने कहा था हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं था न ही कभी होगा, क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं. फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है. हम सब हिन्दू एक हैं. एक रहेंगे. हमारी एकता ही हमारी शक्ति है.’
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