दिग्विजय सिंह का सीएम शिवराज सिंह को खुला चैलेंज, बोले दो-दो हाथ हो जाए!
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MP News: जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. इस बीच ट्विटर वॉर भी जमकर देखने को मिल रहा है. अब ये ट्विटर वॉर सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच शुरू हो गई है. दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को दो-दो हाथ करने का खुला चैलेंज दे दिया है.
दिग्विजय सिंह शिवराज सरकार के ऊपर हमलावर हैं. उन्होंने शिवराज सिंह चौहान सवाल खड़े करते हुए कहा कि 20 साल में भ्रष्टाचार किस कदर बढ़ा, डंपर केस का क्या हुआ, व्यापम घाटाले का क्या हुआ, घोटाले पर घोटाला, पाकिस्तान के आईएसआई के लिए जासूसी करते हुए भाजपा के आईटी सेल के लड़के पकड़े गए उसका क्या हुआ, उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा क्यों नहीं हुआ.
दो-दो हाथ हो जाए
दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान पर नौकरियों में घोटाले का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया कि “भाजपा के समय मध्य प्रदेश से बाहर के लोगों को पैसा ले कर नौकरी दी गई. शिवराज सिंह चौहान आओ एक दिन आमने सामने बहस हो जाये. दो दो हाथ हो जाए.” इस तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को बहस का खुला चैलेंज दे दिया है.
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भाजपा के समय मध्य प्रदेश से बाहर के लोगों को पैसा ले कर नौकरी दी गई।
शिवराज @ChouhanShivraj आओ एक दिन आमने सामने बहस हो जाये। दो दो हाथ हो जाएँ। @INCMP @BJP4MP
3/n— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 27, 2023
घोटालों का लेखा-जोखा क्यों नहीं देते?
दिग्विजय सिंह ने भाजपा द्वारा उनके ऊपर आरोप लगाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि “बार-बार भाजपा मेरे 10 साल के कार्यकाल पर मेरे ख़िलाफ़ अनर्गल आरोप लगाते हैं. भाजपा के २० साल के घोटालों का लेखा जोखा क्यों नहीं देते? वहीं अपने कार्यकाल का बखान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे कार्यकाल में मध्य प्रदेश के ग्राम पंचायत जनपद पंचायत, ज़िला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम द्वारा लाखों स्थानीय लोगों को शासकीय सेवाओं में लिया गया. जन स्वास्थ रक्षक गौ रक्षकों को रोजगार मिला.
पेड़ कोई लगाता है फल कोई खाता है
दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकाल में बिजली की कमी पर कहा कि उस वक्त सारे पावर प्लांट छत्तीसगढ़ में थे, उसकी वजह से बिजली में कमी आई. हमने तैयारी कर ली थी और पावर हाउस बनाने शुरू कर दिए थे. 2007 तक सरप्लस बिजली होना पहले से तय था. लेकिन ये तो वही बात हो गई कि पेड़ कोई लगाए और फल कोई खाए.
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