SDM निशा बांगरे ने इस पार्टी का नाम लेकर कहा- अगर ऑफर आया तो लडूंगी चुनाव
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Nisha Bangre News: बैतूल जिले की डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे (Nisha Bangre) आने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) में किस्मत आजमा सकती हैं. हरदा पहुंची निशा बांगंरे ने एमपी तक से खास बातचीत में कहा कि यदि कांग्रेस (Congress) उन्हें ऑफर करती है तो वह विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha chunav) लड़ने पर विचार कर सकती हैं. निशा बांगरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि कहा कि वर्तमान सरकार ने उन पर काफी अत्याचार किया है, इसलिए इस सरकार में तो वह नौकरी पर नहीं लौटेंगी.
निशा बांगरे ने कहा कि वह राजनीति से प्रेरित नहीं है. उनके खिलाफ षड्यंत्र, अन्याय, अत्याचार हुआ, इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार उनको पुरानी तारीखों में नोटिस देकर आवास खाली कराने से लेकर अन्य प्रकार से प्रताड़ित कर रही है.
कांग्रेस की ओर से लड़ेंगी चुनाव?
इस्तीफा देकर सुर्खियों में आने वाली बैतूल की डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector) निशा बांगरे एक बार फिर चर्चाओं में हैं. निशा बांगरे के राजनीति में एंट्री के कयास लगाए जा रहे हैं. एमपी तक से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह एसडीएम थी तो लोगों से उनका जुड़ाव रहा और उनकी इसी लोकप्रियता से डरकर कुछ लोगों ने उनके खिलाफ हथकंडे अपनाने शुरू किये हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी पद का कोई लोभ नहीं है. वहीं राजनीति (Politics) के सवाल पर जवाब देते हुए निशा बांगरे ने कहा कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में टिकट ऑफर करेगी तो वह विचार करेंगी.
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एमपी में सरकार बदलने वाली है!
इस्तीफा देने वाली डिप्टी कलेक्टर निशा ने जनता का फीडबैक का हवाला देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकार बदलने वाली है. जब उनसे सवाल किया गया कि यदि सरकार ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया और सरकार बदलती है तो क्या कांग्रेस की सरकार में वह फिर से नौकरी पर जाएंगी तो उनका कहना था कि वह इस पर भी विचार करेंगी. निशा बांगरे ने आशंका जताई कि यह सरकार उनके साथ कुछ भी कर सकती है.
दलित वर्ग से आती हैं, इसिलए….
निशा बांगरे ने कहा कि यह सरकार शांति का संदेश देने वाले एक आयोजन में उनको जाने की अनुमति नहीं दे रही जबकि धर्म के खिलाफ बोलने वाले कई आयोजन बिना अनुमति के हो जाते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह दलित वर्ग से आती हैं, इसलिए सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है. हालांकि उन्होंने यह कहा कि जातिगत मामले को मजबूरी में जोड़ रही हैं क्योंकि सरकार उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है.
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झूठे प्रकरण में फंसा रही सरकार
सीएम शिवराज से सवाल पूछते हुए निशा बांगरे ने कहा कि संतान पालने का मतलब सिर्फ बच्चे को खाना खिलाना और पालना ही पर्याप्त है? क्या बच्चों को धर्म की शिक्षा नहीं दी जा सकती. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब इस्तीफा दिया जाता है तो उसका निराकरण एक माह में हो जाना चाहिए, लेकिन यह सरकार उनको झूठे आरोप में झूठे प्रकरण में फंसाने की कोशिश कर रही है. उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और भविष्य में कितना बुरा हो सकता है इसका अंदाजा नहीं लग पा रहा है. उन्होंने कहा कि इसी कारण वह हाईकोर्ट की शरण ली है और सरकार के खिलाफ न्यायालय से लड़ाई लड़ेंगे.
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