इंदौर-1 से टिकट मिलने के बाद संजय शुक्ला की पहली प्रतिक्रिया, बोले- ‘ये चुनाव गुंडों और बेटे के बीच’

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुये आज कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट में कांग्रेस ने अपने 144 नामों की घोषणा की है. जिसमें कई नामों की घोषणा हाई प्रोफाइल सीटों पर की गई है. जिसमें इस समय प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा क्षेत्र इंदौर-1 से कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक संजय शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा है. नाम घोषित होने के बाद संजय शुक्ला ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह चुनाव अब गुंडे और बेटे के बीच है.

दरअसल इंदौर-़1 सीट इस समय प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में से एक है. आपको बता दें इस सीट पर बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक संजय शुक्ला को ही मैदान में उतारा है. मीडिया से चर्चा करते हुये संजय शुक्ला ने कहा ” पहले तो मैं आलाकमान का अभार व्यक्त करता हूं, जो मुझे एक बार इस विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है. संजय शुक्ला ने कहा :”अब इस चुनाव में जनता अपने बेटे को चुनेगी किसी गुंडे को नहीं, अब ये चुनाव इंदौर के बेटे और गुंडे के बीच का है”

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संजय शुक्ला ने कैलाश विजयवर्गीय पर आरोप लगाते हुये कहा “मेरे पास गुंडे नहीं है बस मेरे पास अगर कोई है तो वो है जनता जिसे मैं अपना परिवार मानता हूं. इस चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय मेरे लिए कोई चुनौती नहीं है. क्योंकि उनकी गुंडो की फौज के सामने हमारा परिवार है.

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कौन हैं संजय शुक्ला?

विष्णु प्रसाद शुक्ला के छोटे बेटे हैं संजय शुक्ला, भाजपा की राजनीति में विष्‍णु प्रसाद शुक्‍ला का नाम बड़े सम्‍मान के साथ लिया जाता है. शुक्ला 70 के दशक में भाजपा संगठन से जुड़े थे. शहर में वे बड़े भैया के नाम से जाने जाते थे. वे आपातकाल में जेल भी गए थे. उन्होंने दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए. हालांकि वे सांवेर जनपद अध्यक्ष का चुनाव जीते थे. उनके बड़े बेटे राजेंद्र शुक्ला पार्षद रहे हैं. एक बार तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने उन्हें टिकट भी दिया था, लेकिन जीत नहीं पाए. विष्णु प्रसाद शुक्ला हमेशा चाहते थे कि उनके परिवार से कोई विधायक बने, उनकी यह हसरत 2018 के विधानसभा चुनाव में छोटे बेटे संजय शुक्ला ने पूरी की थी. संजय कांग्रेस के टिकट से एक नंबर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने. उन्होंने सुदर्शन गुप्ता को हराया था. 

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