मुश्किल में फंसी कांग्रेस, पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के खिलाफ मामला दर्ज, प्रचार वाहन में मिलीं शराब की पेटियां
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MP Election 2023: धार जिले की गंधवानी विधानसभा से कांग्रेस के कद्दवार नेता और पूर्व मंत्री उमंग सिंगार एक बार फिर से मुश्किलों में घिरे हैं. उमंग सिंगार सहित तीन लोगों पर अवैध शराब परिवहन का मामला दर्ज किया है.धार जिले के गंधवानी में गुरुवार सुबह कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार पर केस दर्ज किया गया है. बुधवार रात उनके प्रचार वाहन से अंग्रेजी शराब की 26 पेटियां पकड़ी गईं. सिंघार के अलावा गाड़ी के ड्राइवर सीताराम केशरिया और गाड़ी में मौजूद सचिन मुलेवा को भी आरोपी बनाया गया है.
दरअसल कल रात कों FST टीम को सूचना मिली विधानसभा चुनाव के अंतर्गत अवैध शराब कों बाटा जा रहा है. जिसके बाद टीम मौक़े पर पहुंची और धार जिले की गंधवानी में पुलिस ने कांग्रेस के प्रचार वाहन से 26 पेटी अवैध शराब जप्त की थी, जिस पर गंधवानी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार के पोस्टर भी लगे थे. जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार समेत 3 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इसके पहले सागर और भिण्ड जिले बीजेपी और आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
पूरे मामले पर क्या बोली पुलिस
पुलिस अधिकारियों जानकारी देते हुए बताया कि “हमें सूचना मिली थी कुछ लोगों द्वारा जिसके बाद हमारी sft टीम सक्रिय हुई. टीम ने जांच के दौरान टवेरा गाड़ी में की शराब की पेटियां पाई. उसके बाद हमने कार्रवाई की है. फिलहाल गाड़ी को थाने में रखवा दिया गया है. गाड़ी पर कांग्रेस प्रत्याशी के पोस्टर लगे हुए हैं, जांच के बाद गाड़ी और आरोपियों के खिलाफ रासतास की कार्रवाई की जाएगी.
गंधवानी विधानसभा का इतिहास?
गंधवानी क्षेत्र में जमुना देवी दिग्गज नेता रही हैं और उनकी आदिवासी इलाके में अच्छी पकड़ है. 2008 में हुए परिसीमन के बाद से ही गंधवानी विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा बना हुआ है. 2008 के चुनाव में उमंग को पहली बार यहां से जीत मिली थी. 2013 के चुनाव में उमंग ने बीजेपी के सरदार सिंह को हराया था. 2018 के चुनाव में उमंग ने चुनावी जीत की हैट्रिक लगाई थी.
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कांग्रेस ने एक बार फिर यहां से उमंग सिंघार को चुनावी मैदान में उतारा है. आपको बता दें उमंग सिंघार अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. पिछले दिनों आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग करके इन्होंने प्रदेश में एक नई राजनीतिक जंग छेड़ दी थी.
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