अक्षय कांति बम ने खुलकर कहा, 'मैं पहनता हूं 15 लाख की घड़ी, बीजेपी क्या करेगी डील', कांग्रेस से थी इस बात की नाराजगी

चंद्रभान सिंह भदौरिया

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इंदौर सीट से कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार अक्षयकांत बम ने कहा कि नामांकन वापस लेने के पीछे किसी तरह का कोई दबाव नहीं था. उनकी कांग्रेस पार्टी से कुछ मुद्दों को लेकर नाराजगी थी, इसलिए वे नामांकन वापस लेकर बीजेपी में शामिल हो गए.

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Indore Lok Sabha Seat: एक तरफ जीतू पटवारी बीती शाम इंदौर में भावुक होकर बता रहे थे कि कैसे अक्षय कांति बम ने कांग्रेस पार्टी को धोखा दिया तो वहीं अक्षय कांति बम अलीराजपुर पहुंचे और वहां मीडियाकर्मियों से कहा कि कांग्रेस गलत आरोप लगा रही है. अक्षय ने बताया कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान जिस सीट से कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगा था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया. वहां उनकी स्थिति काफी मजबूत थी.

अक्षय बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी की ओर से उनको सपोर्ट नहीं मिल रहा था, इसलिए उन्होंने नामांकन वापस ले लिया. वहीं बीजेपी में शामिल होने के लिए किसी तरह की डील करने की बात से अक्षय कांति बम ने इनकार कर दिया. अक्षय कांति बम ने बताया कि जो आदमी 15 लाख रुपए की सिर्फ घड़ी पहनता हो, उसके साथ बीजेपी या कोई भी क्या ही डील करेगा. वे अपनी मर्जी से बीजेपी में शामिल हुए हैं. अक्षय कांति बम से जुड़ी इस खबर को विस्तार से जानने के लिए देखें ये वीडियो.

वहीं इस मामले में अब बीजेपी भी कांग्रेस और जीतू पटवारी पर हमलावर हो गई है. खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने एक बयान में जीतू पटवारी द्वारा अपने नेता राहुल गांधी के सुमित्रा महाजन का नाम लेकर उल्लेख करने पर तीखा वार किया. उन्होंने कहा कि ये घर का कैसा मुखिया है, जिसके सामने घर का सदस्य खुद चला जाए और आरोप दूसरे पर लगाए.

गोविंद मालू ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ही असल में वो व्यक्ति जिन्होंने अक्षय बम के भाजपा में जाने की पटकथा लिखी है. 'इधर-उधर की बात न कर, ये बता कि कारवां लुटा कैसे? इस घटनाक्रम के असल किरदार तो जीतू पटवारी खुद हैं. कांग्रेस के नेता भी प्रदेश अध्यक्ष को ही इस पटकथा और निर्देशक बता रहे हैं. क्या यह सही नहीं है कि जीतू पटवारी ने खुद के चुनाव लड़ने से बचने के लिए यह साजिश रची है? क्योंकि, वे लाखों वोटों की हार की कालिख खुद पर लगने से बचना चाहते थे.

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