चुनाव से पहले बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें, इस धाकड़ नेता का पार्टी से इस्तीफा, इस वजह से थे नाराज

दीपक शर्मा

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BJP faces pre-election mp turmoil as strong leader Amit Khare resigns sparking anger
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. बीजेपी को एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं. कुछ दिन पहले पन्ना के गुन्नौर से पूर्व विधायक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अब उसी पन्ना के पवई विधानसभा क्षेत्र के धाकड़ भाजपा नेता अमित खरे ने बीजेपी इस्तीफा दे दिया है और सपा का दामन थाम लिया है. उन्होंने एमपी दौरे पर आए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के सामने खजुराहो में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली. यहां ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा का दामन थामने के बाद सपा उन्हें पवई से टिकट दे सकती है.

बता दें कि अमित खरे 2013 में भाजपा ज्वाइन करने से पहले कांग्रेस में थे. खरे को मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और पूर्व मंत्री संजय पाठक का करीबी माना जाता है. उनके सपा में जाने से पवई में भाजपा को झटका लगा है. गनमैन लेकर चलने वाले बाहुबली नेता अमित खरे पवई से भाजपा की टिकट मांग रहे थे. लेकिन भाजपा से टिकट न मिलती देख उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा है. वह भाजपा के सात सांसदों को टिकट दिए जाने को लेकर नाराज चल रहे थे. उन्हें लगने लगा था कि दूसरी लिस्ट में 7 सांसद को मैदान में उतरने के चलते उन्हें टिकट नहीं मिल सकती थी.

अमित खरे ने सपा प्रमुख को ऐसे दिया अपना परिचय, देखें वीडियो

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव से की थी मुलाकात

अमित खरे पवई विधानसभा में लंबे समय से भाजपा के लिये कार्य कर रहे थे, लेकिन अब वह भाजपा की जनविरोधी नीतियों को लेकर लोगों के बीच पहुंच रहे हैं. अब सपा पार्टी से चुनावी मैदान मैं उतरने की तैयारी कर रहे हैं. लंबे समय से क्षेत्र की जनता के बीच समाजसेवा की है. जिसका असर पड़ेगा. जनता ने सहयोग किया तो बीजेपी व कॉग्रेस का समीकरण बिगड़ेगा. अमित खरे ने कहा कि मेरे समाज का ज़्यादा वोट नहीं है. इसलिए समाजवादी पार्टी में आया हूं कांग्रेस भाजपा दोनों पार्टियों मैं अंतर्कलह है, इसलिए जानता के बीच समाजवादी पार्टी से चुनावी मैदान मैं उतारूंगा.

खुद को समाजसेवी अमित खरे ने कोरोना काल से निरंतर गरीबों की मदद की थी, उन्होंने चुनावी साल में पवई विधानसभा क्षेत्र में जनता को तीन एंबुलेंस उपलब्ध करा रखी ही जिनका जनता सीधा लाभ ले रही है.

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अमित खरे गनर लेकर चलते हैं. फोटो- एमपी तक
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बोले- सपा से चुनाव लड़ने को तैयार

बता दें कि दूसरी लिस्ट में सात सांसदों को मैदान में उतरने के चलते उन्हें टिकट नहीं मिल सकती थी. भाजपा की जन विरोधी नीतियों और आल्हा का मन के गलत प्रश्नों पर चलती युवाओं को टिकट मिल पाना मुश्किल दिख रही थी, इसलिए मैंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. मैं सपा से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं.

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कौन हैं सपा में जाने वाले अमित खरे?

विधायक संजय पाठक और मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के करीबी अमित खरे इसके पहले कांग्रेस में थे. 2013 में वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए थे. और करीब 10 साल से पार्टी को सेवाएं दे रहे थे. अब वह पवई विधानसभा से सपा से चुनाव लड़ सकते हैं.

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