कमलनाथ को टाटा बोलकर पूर्व विधायक पति-पत्नी ने की BJP में ‘घर वापसी’, जानें इनके बारे में सब कुछ
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MP Election: मध्यप्रदेश के रीवा से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. रीवा की सेमरिया विधानसभा सीट से विधायक रह चुके अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा ने कांग्रेस छोड़ दी है. कमलनाथ को टाटा बोलकर पूर्व विधायक पति-पत्नी ने भोपाल पहुंचकर बीजेपी की सदस्यता ले ली. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दोनों को भाजपा की सदस्यता दिलाई. आपको बता दें कि अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा बारी-बारी से बीजेपी से विधायक रह चुके हैं और 2018 में बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा मूल रूप से भाजपाई हैं. वे लंबे समय तक बीजेपी में काम करते रहे. फिर 2008 के विधानसभा चुनाव में अभय मिश्रा को रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा सीट से बीजेपी ने टिकट दिया और वे चुनाव जीतकर विधायक बन गए. फिर उनकी इच्छा लोकसभा चुनाव लड़ने की हुई तो फिर उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी नीलम मिश्रा को सेमरिया सीट के लिए बीजेपी से टिकट दिला दिया. उनकी पत्नी नीलम भी चुनाव जीतकर विधायक बन गईं.
लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दोनों पति-पत्नी का टिकट काट दिया. इस बात से नाराज होकर अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा दोनों ने बीजेपी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में वे कमलनाथ के कोटे से शामिल हुए. फिर कांग्रेस ने अभय मिश्रा को 2018 के विधानसभा चुनाव में रीवा सीट से टिकट दे दिया लेकिन यहां पर वे बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला से चुनाव हार गए.
अब कांग्रेस काटने वाली थी टिकट तो दोबारा से बीजेपी में शामिल हो गए?
रीवा में सक्रिय कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में अभय मिश्रा की स्थिति ठीक नहीं थी और कांग्रेस पार्टी उनका टिकट इस बार काटने वाली थी. लेकिन अभय मिश्रा अपनी पुरानी और सुरक्षित सीट सेमरिया से टिकट चाहते थे. लेकिन कांग्रेस में ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था.
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हालांकि अभय मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस ने इस बार उनका टिकट सेमरिया से फाइनल कर दिया था. कांग्रेस तो टिकट दे रही थी लेकिन मुझे कांग्रेस के अंदर घुटन हो रही थी, क्योंकि बाहर लड़ने से पूर्व कांग्रेस में पहले अंदर लड़ना पड़ता है. मैं अपने मन की शांति के लिए एक बार फिर से बीजेपी में शामिल हुआ हूं. कांग्रेस का उद्देश्य अब सेवा का नहीं रहा है. कांग्रेस को रीवा जिले में इस बार एक भी सीट नहीं मिलेगी. प्रकृति चाहती है कि शिवराज सिंह चौहान ही सीएम बने तो वे इतने लंबे समय से सीएम हैं और आगे भी वे ही सीएम रहेंगे.
अभय के समधी को भी बसपा से मिल गया है टिकट
अभय मिश्रा की कहानी सिर्फ उनके और उनकी पत्नी तक सीमित नहीं है. आपको बता दें कि अभी हाल ही में बसपा ने अपने उम्मीदवारों के टिकट फाइनल किए हैं और 7 उम्मीदवारों की जो पहली सूची बसपा ने जारी की थी, उसमें से रीवा ज़िले की सिरमौर विधानसभा सीट (सामान्य) से विष्णु देव पांडे को टिकट दिया गया है. ये विष्णु देव पांडे अभय मिश्रा के समधी हैं. अभय मिश्रा के बेटे की शादी विष्णु देव पांडे की बेटी से हुई है.
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इनपुट: रीवा से विजय कुमार की रिपोर्ट.
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