CM मोहन यादव ने शिवराज सरकार के इस बड़े फैसले को बदला, भोपाल में दिखेगा असर
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Mohan Yadav Government: सीएम मोहन यादव ने पहला बड़ा निर्णय जो लिया है, वो भोपाल की बीआरटीएस यानी बस रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बंद करने का निर्णय लिया है. भोपाल में एक दशक पहले 360 करोड़ रुपए खर्च करके शिवराज सरकार ने बीआरटीएस सिस्टम बनवाया था. लेकिन अब सीएम मोहन यादव की सरकार ने इस बीआरटीएस को हटाने का निर्णय लिया है.
सीएम मोहन यादव सरकार का मानना है कि बीआरटीएस की वजह से भोपाल में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है लेकिन जब शिवराज सरकार बीआरटीएस को लेकर आई थी तो दावा किया गया था कि भोपाल में इससे ट्रैफिक जाम की परेशानी से निजात मिलेगी. लेकिन अब मोहन यादव सरकार का कहना है कि बीआरटीएस की वजह से ही ट्रैफिक जाम की दिक्कत भोपाल के लोगों को उठाना पड़ रही है.
मोहन यादव की कैबिनेट की पहली बैठक मंगलवार को हुई और सभी मंत्रियों ने भी इस फैसले पर हरी झंडी दी. ऐसे में जिस बीआरटीएस को 360 करोड़ रुपए खर्च करके शिवराज सरकार ने खड़ा किया था अब उसे हटाने का निर्णय नई मोहन यादव सरकार ने लिया है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि 360 करोड़ रुपए खर्च करते वक्त क्या इस बात का ध्यान नहीं रखा गया था कि बीआरटीएस वरदान नहीं अभिशाप बन जाएगा.
बीआरटीएस हटेगा और सेंट्रल रोड डिवाइडर बनेगा
भोपाल में बीआरटीएस की लंबाई के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध रूप से हटाया जाएगा. अब उसकी जगह पर सेंट्रल रोड डिवाइडर बनाने पर सहमति बनी है. बीआरटीएस को हटाकर सेंट्रल रोड डिवाइडर बना देंगे, जिससे ट्रैफिक जाम की परेशानी को दूर किया जा सकेगा. बीआरटीएस को लेकर पिछले लंबे समय से भोपाल में कई तरह की मांगे उठ रही थीं. मेट्रो लाइन बनने के बाद बीआरटीएस के बने रहने पर भी सवाल खड़े हो रहे थे लेकिन अब इसे हटाने का निर्णय ले लिया है तो ऐसे में पहले खर्च हुए 360 करोड़ रुपए के खर्च को फिजूल खर्च हो जाने को लेकर काफी चर्चा हो रही है.
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