ओंकारेश्वर पहुंचे दिग्विजय सिंह बाढ़ प्रभावितों से मिले, CM शिवराज को बताया तबाही के लिए जिम्मेदार
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MP News: मध्यप्रदेश में पिछले दिनों भारी बारिश के कारण तबाही का मंजर देखने को मिला था. पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही ओंकारेश्वर में देखी गई. यहां घर ग्रहस्ती का सामान और पूरा बाजार ही नर्मदा की बाढ़ में बह गया. बाढ़ के बाद लोगों की जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सीएम शिवराज ने अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ओंकारेश्वर को मुसीबत में डाल दिया. विपक्ष भी सरकार पर आरोप लगा रही है. आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बाढ़ पीडितों से मिलने ओंकारेश्वर मिलने पहुंचे. जहां उन्होंने लोगों से मुलाकात कर सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि “ओंकारेश्वर के इस कृत्रिम बाढ़ के लिए पूरी तरह शासन -प्रशासन जिम्मेदार है. इसकी गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए.
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मूर्ति अनावरण के लिए लोगों को मुसीबत में डाला- दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात चीत के दौरान कहा “ओंकारेश्वर में जो बांध बना हुआ है, उसका सीधा-साधा प्रभाव ओंकारेश्वर के लोगों पर पड़ता है. यदि पानी समय पर छोड़ दिया जाता तो बाढ़ नहीं आती, बाढ़ इसलिये आई क्योंकि शंकराचार्य जी की मूर्ति का अनावरण मुख्यमंत्री को करना था ,जिसकी वजह से पुल न डूबे पानी रोक दिया गया. उधर सरदार सरोवर बांध का पानी भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए रोक दिया गया.
मीडिया और स्थानीय लोगों से मिलने के पहले दिग्विजय सिंह ने ओंकारेश्वर मंदिर में जाकर पूजा -अर्चना की, यहां से वे बाजार में निकले और बहुत से लोगो से बातचीत कर उनका हाल जाना. उन्होंने ब्रिज से भी बांध और मन्दिर की स्थिति का जायजा लिया. यहां बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने पहुंचे. उनके साथ पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव एवं स्थानीय कांग्रेस नेता भी थे.
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पूरा ओंकारेश्वर हो गया था जलमग्न
गौरतलब है कि पिछले दिनों ओंकारेश्वर में बांध से अचानक पचास हजार क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने से यहां भीषण बाढ़ आई थी. जिसके चलते यहां भारी तबाही देखी गई. पूरे बाज़ार में पानी 8 से 10 फीट तक पानी भरा गया , दुकाने जलमग्न हो गई. बाढ़ का पानी उतरने के बाद इन दुकानों में बहुत नुकसान हो चुका था. पूरे बाज़ार की दर्ज़नो दुकानों में करोडो का नुकसान हुआ. लोगो का आरोप था कि यहां शंकराचार्य जी की प्रतिमा अनावरण समारोह के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लो लेवल ब्रिज से पहाड़ी पर ले जाने के लिए बांध का पानी रोका गया और फिर अचानक इसे एक साथ छोड़ दिया गया जो तबाही का कारण बना है.
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