MP Elections: बगावत के डर से BJP ने दो पूर्व विधायकों को फिर दिया टिकट, रूठों को मना रही पार्टी

हेमंत शर्मा

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MP Elections 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं, और बीजेपी लगातार रूठों के मनाने के साथ डैमेज कंट्रोल कर रही है. मध्य प्रदेश का दौरा कर रहे केंद्रीय मंत्री अमित शाह का भी पूरा जोर है. इसलिए इसकी शुरुआत भाजपा ने टिकट वितरण के साथ ही कर दी थी, जहां बीजेपी ने भिंड जिले से बीजेपी से बगावत कर चुके दो विधायकों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है. मेहगांव से राकेश शुक्ला और भिंड से नरेंद्र सिंह कुशवाहा को टिकट देकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है.

दरअसल, यह पूरा मामला 2018 की विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है लेकिन इसकी शुरुआत साल 2008 के विधानसभा चुनाव में हुई थी. साल 2003 में भिंड विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की और विधायक चुने गए लेकिन साल 2008 में विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा का टिकट काट दिया गया और उनके स्थान पर भिंड दतिया लोकसभा सीट से सांसद रहे राम लखन सिंह को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया था.

जब बीजेपी चुनाव हारी तो नरेंद्र सिंह वापस बुलाया

इस बात से नाराज होकर विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने बीजेपी पार्टी से बगावत करते हुए समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया और भिंड विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर गए, जिसका नुकसान भाजपा पार्टी को उठाना पड़ा. नरेंद्र सिंह कुशवाहा खुद तो चुनाव हारे ही लेकिन भाजपा प्रत्याशी राम लखन सिंह भी बुरी तरह चुनाव हार गए. इसके बाद नरेंद्र सिंह कुशवाहा की बीजेपी में वापसी हो गई.

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राकेश शुक्ला के बगावत की कहानी

साल 2008 के चुनाव में मेहगांव विधानसभा सीट से अपनी जीत दर्ज करने वाले विधायक राकेश शुक्ला का टिकट साल 2013 में बीजेपी ने काट दिया और उनके स्थान पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए राकेश चौधरी के छोटे भाई मुकेश चौधरी टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया. अपना टिकट कटने के बाद राकेश शुक्ला ने बीजेपी से बगावत कर दी. वे लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2013 का चुनाव लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी से मेहगांव विधानसभा में लड़ा, लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर सके.

कुशवाहा का बीजेपी ने फिर काटा टिकट

इधर, भिंड विधानसभा में साल 2018 में एक बार फिर से नरेंद्र सिंह कुशवाहा का टिकट काट दिया गया और उनके स्थान पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए राकेश चौधरी को भाजपा ने टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया. एक बार फिर से नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने बीजेपी से बगावत की और वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. इस बार भी नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने जबरदस्त चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी वे चुनाव हार गए. चुनाव खत्म हो जाने के बाद नरेंद्र सिंह कुशवाह की वापसी बीजेपी में हो गई. अब मध्य प्रदेश में हालात ऐसे हैं कि भाजपा किसी भी हाल में चुनाव जीत कर सरकार बनना चाहती है. यही वजह है कि भाजपा ने इस बार दोनों बगावती नेताओं को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है.

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कांग्रेस के संपर्क में थे दोनों नेता

भिंड विधानसभा सीट से नरेंद्र सिंह कुशवाहा को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, मेहगांव विधानसभा सीट से राकेश शुक्ला को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है. कुल मिलाकर भाजपा ने बगावती नेताओं को साधने की कोशिश की है, क्योंकि बीजेपी को डर था कि अगर यह दोनों नेताओं का टिकट काट दिया तो यह फिर से पार्टी से बगावत कर देंगे. लगातार सूत्रों से यह खबरें भी आ रही थी कि नरेंद्र सिंह कुशवाहा और राकेश शुक्ला कांग्रेस के संपर्क में हैं और उनका टिकट अगर कट गया तो वह कांग्रेस में शामिल होकर भाजपा के प्रत्याशी के सामने चुनाव मैदान में उतर जाएंगे.

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बीजेपी को इस बात का डर था कि पहले की तरह इस बार भी बीजेपी को नुकसान न पहुंचे इसलिए बीजेपी ने दोनों ही बगावती तेवर वाले नेताओं को साधकर उन्हें टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है.

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