Opinion Poll: बुंदेलखंड में BJP की राह आसान नहीं, सर्वे में आए चौंकाने वाले नतीजे!

एमपी तक

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर आये दिन नए-नए सर्वे आ रहे हैं. इन सर्वे ने कहीं न कहीं बीजेपी के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. बीते दिनों आये अन्य सर्वे रिपोर्ट की बात करें तो उनमें कांग्रेस साफ तौर पर सत्ता में वापसी करती दिखाई दे रही थी, लेकिन जैसे-जैसे चुनावों का समय नजदीक आया, उनमें बीजेपी फाइट में आती दिखाई देने लगी थी. लेकिन एक ताजा सर्वे ने बीजेपी को फिर से बड़ा झटका दिया है. इस सर्वे के मुताबिक बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान अपने सबसे मजबूत किले में हुआ है.

दरअसल बुंदेलखंड अंचल के 6 जिलों में 26 विधानसभा सीटें आती हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 15, कांग्रेस ने 9 और सपा-बसपा ने 1-1 सीट जीती थीं. जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 22 तो कांग्रेस ने 4 सीटें ही जीती थीं. इस तरह 2018 में कांग्रेस को 5 सीटों पर बढ़त मिली थी, लेकिन फिर भी वह बीजेपी से पीछे रही थी. लेकिन इस बार बीजेपी को बुंदेलखंड में खासा नुकसान होता दिखाई दे रहा है. टाइम्स नाउ नवभारत और ETG के ओपिनियन पोल में सर्वे की मानें तो कई सालों बाद बुंदेलखंड में कांग्रेस BJP को पछाड़ती हुई दिखाई दे रही है.

क्या बताता है नया सर्वे?

मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड पूरे प्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है, यहां नौकरी की तलाश में आज भी सबसे अधिक लोग पलायन करते हैं. जमीनी स्तर पर खेती को छोड़ दें तो रोजगार का कोई दूसरा रोजगार का साधन नहीं है. पिछले चुनावों में बुंदेलखंड ने बीजेपी पर भरोसा किया और 26 में से 18 सीटों पर बीजेपी को जीत मिलीं, लेकिन ये भरोसा इस बार टूटता दिखाई दे रहा है. ताजा सर्वे में बीजेपी को यहां 4-5 सीटों का नुकसान होता दिखाई दे रहा है तो वहीं कांग्रेस को 4-5 सीटों की बढ़त दिखाई दे रही है. अभी बुंदेलखंड में भारतीय जनता पार्टी के पास 18 सीटें हैं, तो वहीं कांग्रेस 7 और BSP 1 सीट पर काबिज है.

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कैसी है शिवराज कैबिनेट में बुंदेलखंड की हालत

शिवराज कैबिनेट में बुंदेलखंड क्षेत्र से अभी चार मंत्री हैं. इनमें से तीन मंत्री तो सागर जिले से ही हैं. बुंदेलखंड में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधने के लिए इस बार बीजेपी ने राहुल लोधी को मौका दिया है. राहुल लोधी पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे हैं. बुंदेलखंड के हिस्से में लोधी वोटरों की आबादी है. इससे एमपी और यूपी दोनों सधेगा. बीजेपी ने चुनाव से पहले राहुल लोधी को मौका देकर बड़ा दांव चला है. राहुल लोधी को मंत्री बनाने के पीछे राजनीतिक जानकारों की माने तो लोधी वोटरों को साधने के लिए राहुल को मंत्री पद दिया गया था.

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