संजीव कुशवाह को टिकट कटने के बाद मिला पिता का साथ, बोले-‘बात अब इज्जत की है’
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MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जब से अपनी पांचवी सूची जारी की है, तभी से लगातार विरोध हो रहा है. इस पांचवी सूची में 29 मौजूदा विधायकों और 3 मंत्रियों का पत्ता काटा गया है. इन्हीं में से एक भिंड से संजीव कुशवाहा का नाम भी शामिल है. टिकट कटने के बाद से ही संजीव कुशवाहा के बगावती तेवर नजर आ रहे हैं. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि न तो पार्टी ने मुझे 2013 और न ही 2018 में टिकट दिया. एक साल पहले पार्टी ने मुझे भरोसा दिया था कि बीजेपी में आ जाओं आपका टिकट पक्का है. लेकिन एक बार फिर पार्टी ने वादाखिलाफी की है. इसी बीच संजीव के पिता और पूर्व सांसद रामलखन सिंह ने उनका हौसला बढ़ाया और कहा “पैसे की चिंता मत करना क्योंकि अब सवाल इज्जत का है”
मीडिया कर्मियों के सवाल के जवाब में संजीव सिंह और उनके पिता ने कहा “अब बात इज्जत पर है तो चुनाव तो जरूर लडूंगा” आने वाले दिनों में संजीव सिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दल की अब कोई जरूरत नहीं है, दल के अलावा भी लोग चुनाव जीते हैं, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी निर्दलियों का दबदबा रहा है. तो आने वाले समय में भी हो सकता है.
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बड़े नेताओं ने रचा षड़यंत्र-संजीव
साल भर पहले भिंड से बसपा के विधायक संजीव सिंह कुशवाह पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुये, लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव के टिकटों की घोषणा हुई तो बीजेपी ने संजीव सिंह का टिकट काट कर पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है. इसके बाद से ही विधायक संजीव सिंह के तेवर नजर आ रहे हैं. फिलहाल संजीव कुशवाहा ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. कि वे आने वाले दिनों में क्या निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
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संजीव कुशवाहा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुये कहा “कि जब मैं बहुजन समाज पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुआ था, तो तब पार्टी के अध्यक्ष और कई पदाधिकारियों ने भरोसा दिया था कि आने वाले चुनाव में उनको भिंड सीट से ही उनको टिकट दी जाएगी. लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दी है. लास्ट समय में किसी बड़े नेता द्वारा मेरी टिकट के साथ षड़यंत्र किया गया है. जिसके कारण ही मेरी टिकट काटी गई है.
पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला
पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला मध्य प्रदेश के सबसे विवादित मामलों में शामिल रहा है. विधायक कुशवाह के ग्वालियर स्थित कॉलेज में से टॉपर निकलने के बाद ये पटवारी भर्ती परीक्षा विवादों में आ गई थी. जिसके बाद अभ्यर्थियों ने घोटाले के आरोप लगाए. पटवारी परीक्षा के अभ्यर्थियों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किये थे. जिसके बाद नतीजों पर रोक लगा दी गई थी. मामले की जांच के निर्देश दिए गए थे, हालांकि अभी तक रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
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