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'300 करोड़ की हुई वसूली..' नर्सिंग घोटाले पर सदन में जमकर हंगामा, विपक्ष की मांग- मंत्री सारंग को करें बर्खास्त

रवीशपाल सिंह

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नर्सिंग घोटाले पर विधानसभा में जमकर हंगामा
नर्सिंग घोटाले पर विधानसभा में जमकर हंगामा
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Madhya Pradesh Assembly Session: आज से शुरू हुआ मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र पहला ही दिन काफी हंगामेदार रहा. कांग्रेस की तरफ से भाजपा को नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर घेराबंदी की गई. सड़क से लेकर सदन तक कांग्रेस ने जोरदार हंगामा किया. दिग्गज नेता सचिन यादव, उमंग सिंघार और कई नेताओं ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. नर्सिंग घोटाले पर बढ़ते विरोध प्रदर्शन के कारण सदन को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कल तक के लिए स्थगित कर दिया है. 

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, "नर्सिंग घोटाले में प्रदेश के अंदर 300 करोड़ की वसूली की गई है. उस समय मंत्री विश्वास सारंग ने अपने हिसाब से कानून बनाए हैं और फेरबदल किए हैं. कानून ने फटकार लगाई, लेकिन उन्होंने बात नहीं सुनी. आगे घोटाले न हों, इसको लेकर हम विश्वास सारंग के इस्तीफे और उन्हें बर्खास्त करने की मांग करते हैं." 

सदन में हुई जमकर टोका-टाकी

इस पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब दिया, 'मामला कोर्ट में है इसलिए चर्चा नहीं हो सकती.' इसके बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दोपहर 1 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. जब फिर से कार्यवाही शुरू हुई तो सीएम मोहन यादव ने कहा, 'नियम प्रक्रिया के अंतर्गत मान्य परंपरा में चर्चा के लिए तैयार हैं. उत्तेजना से हम बात सुन नहीं सकते. हम सीधी साधारण भाषा बोलते हैं. किसी से डरते नहीं हैं.' 

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नर्सिंग घाेटाले पर कांग्रेस का विरोध

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता यहां एप्रिन पहनकर पहुंचे थे. कांग्रेस नेताओं ने तय किया है कि नर्सिंग घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव लाएगी. इस बारे में विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि "देखिए आज से यह आगाज हो गया है. सत्ता को जवाबदेह बनना पड़ेगा. जो सरकार रहती है. उसकी जवाबदारी क्या है? स्वास्थ्य देना सुरक्षा देना और शिक्षा देना इन तीनों में पूरी तरह से सरकार विफल रही है." 

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भूरिया ने आगे कहा, "जिस तरह से पहले व्यापम के माध्यम से फर्जी डॉक्टर तैयार करे गए और आज नर्सिंग घोटाले के माध्यम से फर्जी पैरामेडिकल स्टाफ तैयार किया गया है. क्या जनता के लोगों की या आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं है? पैसा ही सब कुछ है? यह तो कोर्ट की जब फटकार पड़ी तब जाकर पता लगा कि सारे कॉलेजों में जबरदस्त धांधली चल रही है. अब बात यहां नहीं रुकेगी अब बात है तो लंबी जाएगी. नियम किसने 2018 में बनाए फर्जी कॉलेजों को मान्यता किसने दी? यह सबसे बड़ा सवाल है और इसमें विश्वास सारंज जवाबदेह दे हैं. और उनको इस्तीफा देना चाहिए."

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मोहन सरकार का तीसरा सत्र

आपको बता दें कि 1 जुलाई से शुरू हो रहा सत्र मौजूदा सरकार का तीसरा सत्र है. इससे पहले दो सत्र हो चुके हैं. सीएम मोहन यादव सरकार का दूसरा सत्र 7 फरवरी 2024 से 14 फरवरी 2024 तक चला था. फिलहाल विपक्ष ने सत्र के पहले दिन ही नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया है. 

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