CM मोहन यादव की पहली कैबिनेट मीटिंग में जनता से जुड़ा कोई बड़ा फैसला नहीं तो फिर हुआ क्या?
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CM Mohan Yadav: सीएम मोहन यादव की पहली कैबिनेट मीटिंग भोपाल में हुई. पहली कैबिनेट मीटिंग में जनता से जुड़ा कोई बड़ा निर्णय नहीं हुआ. कानून व्यवस्था बेहतर रखने, वीआईपी मूवमेंट पर जनता को दिक्कत ना होने देने, गांव-गांव जाकर विकास कार्यों की समीक्षा करने जैसे निर्देश सीएम मोहन यादव ने दिए. लेकिन पहली कैबिनेट मीटिंग में जो सबसे अहम निर्देश सीएम मोहन यादव ने दिए, वो उन्होंने सभी नवागत मंत्रियों को दिए. सीएम मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को केंद्रीय नेतृत्व की इच्छा के बारे में बताया और मंत्रालय को लेकर भी चर्चा हुई.
सीएम मोहन यादव की पहली कैबिनेट मीटिंग में सभी मंत्रियों को बता दिया गया है कि केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि 6-6 महीने का लक्ष्य रखकर अपने-अपने विभागों के काम और प्राथमिकताएं तय कर लें. हर 6 महीने में प्रत्येक मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा की जाएगी. उसी हिसाब से अपने वर्क प्लान तय कर लिए जाएं.
सीएम मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को बताया कि केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि अब वे अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हो जाएं. पार्टी अब पूरी तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट रही है और सभी को अब संकल्प यात्रा लेकर जनता के बीच जाना है और जनता के बीच केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं की उपलब्धियां बताना है. सभी मंत्रियों को लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लग जाने के निर्देश सीएम मोहन यादव ने दिए.
जनता से जुड़ा कोई बड़ा निर्णय पहली कैबिनेट में नहीं हुआ
पहली कैबिनेट मीटिंग में जनता से जुड़ा कोई भी बड़ा निर्णय नहीं हुआ. मीटिंग में भी सीएम मोहन यादव केंद्रीय नेतृत्व के दिशा-निर्देशों के बारे में मंत्रियों को बताते रहे. पूरी मीटिंग के दौरान काफी हर्षाेल्लास का माहौल देखा गया लेकिन बीजेपी अपने मेनीफेस्टो में जनता से जो वादे कर चुनाव में उतरी थी, जिन वादों के आधार पर जनता से वोट मांगे गए थे और जिन वादों को पूरा करने की गारंटी दी गई थी, उन वादों में से किसी एक बड़े वादे पर फिलहाल पहली कैबिनेट मीटिंग में कोई निर्णय नहीं हुआ है.
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मंत्रालय को लेकर भी हुई चर्चा
कैबिनेट मीटिंग में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई है. कुछ मंत्री अपनी इच्छानुसार मंत्रालय पाने के लिए सीएम मोहन यादव से अलग से अकेले में मिलने भी पहुंचे. सूत्र बता रहे हैं कि सामान्य प्रशासन विभाग सीएम अपने पास रखेंगे और शेष मंत्रालय जल्द ही दोनों डिप्टी सीएम एवं अन्य मंत्रियों में बांट दिए जाएंगे.
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