CM मोहन यादव से अचानक मिलने पहुंचे दिग्विजय सिंह, 15 मिनट बंद कमरे में हुई गुफ्तगू? अटकलें तेज

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सीएम मोहन यादव से मिलने पहुंच गए दिग्विजय सिंह.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह शुक्रवार शाम अचानक भोपाल सीएम हाउस पहुंच गए.

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कांग्रेस नेता यहां थोड़ी देर रुके और फिर रवाना हो गए.

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अचानक दिग्विजय सिंह के सीएम हाउस पहुंचने से चर्चाएं तेज.

Digvijaya Singh Singh Meets CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह शुक्रवार को शाम अचानक मुख्यमंत्री आवास सीएम मोहन यादव से मिलने पहुंच गए. दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट बंद कमरे में गुफ्तगू हुई. दिग्विजय सिंह करीब 5.30 बजे सीएम हाउस पहुंचे और 5.45 पर निकल गए. अब राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं.

दरअसल इस मुलाकात को इतना सीक्रेट रखा गया कि इसकी कोई तस्वीर भी अब तक बाहर नहीं आई है. चर्चा इस बात की है कि 15 मिनट में कांग्रेस और बीजेपी के दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई होगी. 

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह शुक्रवार शाम अचानक भोपाल सीएम हाउस पहुंच गए. दिग्विजय सिंह के पहुंचने के बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी पहुंच गए. कांग्रेस नेता यहां थोड़ी देर रुके और फिर रवाना हो गए. अचानक से दिग्विजय सिंह के सीएम हाउस पहुंचने से राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं. दोनों नेताओं के मिलने के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं. 

इसलिए मोहन यादव से मिलने पहुंचे दिग्विजय

दिग्विजय सिंह नर्सिंग घोटाले से प्रभावित छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी भी थे. इसके अलावा नर्सिंग घोटाले के व्हिसल ब्लोअर रवि परमार ने मुख्यमंत्री को छात्रों की समस्याओं से अवगत करवाया. 

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देखिए ये खास वीडियो...

इन समस्याओं को लेकर हुई बातचीत

- नर्सिंग छात्र छात्राओं की परीक्षाओं के लंबे समय के बाद भी हजारों छात्र छात्राओं के परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए गए. 

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- सत्र 2021-22, 2022-23 के छात्र छात्राओं की नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाया विश्वविद्यालय ऐसे में परीक्षा कब होगी छात्र 3-4 साल से फर्स्ट ईयर में ही हैं.

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- PNST (प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट) 2022 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) द्वारा आयोजित करवाएं गई थी जिसमें 66 हज़ार छात्राओं ने परीक्षा दी थी लेकिन परीक्षा परिणाम आज तक जारी नहीं किए गए.

- 66 अनसूटेबल (अपात्र) नर्सिंग कॉलेजों के हजारों छात्र छात्राओं को सूटेबल (पात्र) नर्सिंग कॉलेजों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करना चाहिए.

- सरकार की लापरवाही की वजह से लाखों नर्सिंग के छात्र छात्राओं के जो 3 से 4 साल बर्बाद हुए हैं उसके एवज में सरकार को छात्र छात्राओं को फीस में रियायत देनी चाहिए.

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