पूर्व विधायक शिवराज शाह ने चुनाव से पहले BJP को दिया बड़ा झटका, पार्टी छोड़ी; निर्दलीय लड़ने का ऐलान
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी है. लेकिन उसके बाद से भाजपा नेताओं की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही है. कई जगह इस्तीफे और बगावत हो रही है. इसमें विधायक और पूर्व विधायक दोनों शामिल हैं. जिनके टिकट कट गए हैं. ताजा मामला मंडला विधानसभा क्षेत्र का है. पहले भाजपा प्रत्याशी का विरोध पूर्व विधायक पंडित सिंह धुर्वे और भाजपा जिला महामंत्री नीरज मरकाम ने किया है. अब मंडला विधानसभा क्षेत्र के घोषित प्रत्याशी का विरोध भी शुरू हो गया है. मंडला से भाजपा के पूर्व विधायक शिवराज शाह ने टिकट न मिलने से आहत होकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
शिवराज शाह ने जिला अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा और वापस लौटते समय कार्यालय के गेट पर साष्टांग होकर प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि जब उन्हें बिछिया से टिकट दिया गया तो वह वहां नहीं जाना चाहते थे. उस वक्त उन्हें बिछिया से लड़ने भेज दिया गया, जबकि बिछिया विधानसभा का इतिहास है कि वहां से एक बार भाजपा जीतती है और एक बार कांग्रेस. जब कांग्रेस की जीत की बारी थी तब मुझे वहां से प्रत्याशी बनाया गया. इस बार बिछिया को नया प्रत्याशी दिया गया और मुझे मंडला के लिए तैयारी करने कहा गया. जब मैं मंडला के लिए तैयारी करने लगा तो यहां का टिकट भी मुझे नहीं दिया.
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निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे शिवराज, कुलस्ते पर लगाए आरोप
शिवराज ने कहा- ’27 या 28 तारीख को मंडला से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने की बात कहीं. शिवराज शाह ने केंद्रीय मंत्री व निवास से भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते और पूर्व राज्य सभा सांसद व मंडला से भाजपा प्रत्याशी संपतिया उइके पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा- दोनों नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनाव में मुझे हराने का काम किया. हालांकि इस पर दोनों नेताओं की प्रतिक्रिया नहीं मिली. भाजपा जिला अध्यक्ष भीष्म द्विवेदी ने कहा कि डॉ. शिवराज शाह भी मंडला से दावेदार थे. परिवार में नाराज़गी होती रहती है. उनसे बात कर मना लिया जायेगा.’
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केंद्रीय मंत्री ने मेरा विरोध कराया
शिवराज ने कहा- ‘मैं बचपन से सामाजिक जीवन को जिया हूं. मैंने हर समाज का साथ दिया. हर समाज का विकास हो यह मेरा नेचर रहा है, लेकिन मैं 2008 से देख रहा हूं. किसी न किसी को थोपने का काम किया जा रहा है. मुझे 2018 में मैंने बिछिया से टिकट नहीं मांगा. मुझे बिछिया से टिकट दिया गया. मैंने मना किया लेकिन बोला गया कि आपको लड़ना पड़ेगा मैंने स्वीकार किया. बिछिया गया तो फगन सिंह कुलस्ते और संपतिया उइके ने वहां के कार्यकर्ताओं को मंडला कार्यालय बुलाकर मेरा विरोध कराया. यहां नहीं बात बनी तो हनुमान जी की कसम खिलवाई.’
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सबने कहा- मंडला को आपकी जरूरत है: शिवराज
शिवराज ने कहा- ‘मुझे सब लोगों ने कल कहा कि मंडला को आपकी जरूरत है, तब मैंने रात भर विचार करने के बाद लोगों की भावनाओं का रूप आज मैंने इस्तीफा दिया और मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मंडल की धरती में अन्याय अत्याचार नहीं होने दूंगा. पहले भी लोगों के हित में लड़ाई लड़ते-लड़ते जेल जाना पड़ा था तो जेल गए हैं, आगे भी जनहित में जेल जाना पड़ा तो जाएंगे लेकिन मंडल की धरती में न्याय अत्याचार नहीं होने देंगे. 27 या 28 तारीख को मंडला नगर की जनता और विधानसभा क्षेत्र की जनता का अगर समर्थन मिला जिनके लिए लड़ाई कर रहा हूं तो निश्चित ही 27 या 28 को मंडला से नामांकन भरूंगा.’
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‘यदि जनता कहती है कि सामाजिक जीवन जीना है तो सामाजिक जीवन जिऊंगा लेकिन इस जन्म में जनता के लिए ही काम करना है. निश्चित ही भारतीय जनता पार्टी मेरे लिए एक मंदिर था. जिस पार्टी के सहारे लोग मुझे जानते हैं सच्चाई है लेकिन आज जिस मंदिर को मैंने छोड़ा है जिस मंदिर से मैंने अपना नाता जीवन भर के लिए तोड़ा है, उस मंदिर को प्रणाम करना मेरा धर्म था.’
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