मोहन सरकार नहीं बढ़ा रही लाड़ली बहनों का पैसा? बजट के बाद पटवारी ने CM से पूछा- कब दोगे 3000 रुपये?

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Laldli Behna Yojna: मध्य प्रदेश का बजट सत्र चल रहा है, बुधवार को मोहन सरकार ने बजट पेश कर दिया है. जिसमें युवाओं, लाड़ली बहना योजना और तीन नए मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया गया है. सरकार ने बजट को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, लेकिन विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लाड़ली बहना योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.

सरकार ने बजट में लाड़ली बहना याेजना के लिए पैसे का आवंटन कर दिया है, लेकिन पैसे बढ़ेंगे नहीं. इसलिए जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव से सीधे पूछ लिया है कि मुख्यमंत्री जी लाड़ली बहनों के 3000 रुपये कब देंगे. बजट को लेकर जीतू ने लंबी-चौड़ी पोस्ट एक्स पर लिखी है. जीतू पटवारी ने लिखा- "महिला स्व-सहायता समूहों को बड़े बाजारों से जोड़ने के लिए 800 करोड़ रुपए का प्रावधान करने वाली सरकार यह क्यों भूल रही है कि उसे लाड़ली बहना योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाना है! क्या सिर्फ 800 करोड़ में प्रदेश की बहनों का भला हो सकता है?"

क्या होगा बहनों का, जिनसे किया गया वादा अभी नहीं हुआ पूरा

जीतू पटवारी ने कहा- "कर्ज लेकर कागज में विकास दिखाने वाली कागजी सरकार ने आज फिर कागजों का पेट भरा और कागजों में ही जनता को नाउम्मीद करने वाला बजट पेश किया! गांव, गरीब, किसान और महिलाएं भाजपा को भरपूर वोट देने के बाद भी निराश हैं! गांव-गांव से लाड़ली बहन पूछ रही है कि ₹3000 का प्रावधान क्यों नहीं किया? वोट लेकर भूल जाने वाले कैसे सरकार में बने हुए हैं?"

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पुलिस की 7500 भर्तियों को उपलब्धि बता रही, कानून व्यवस्था के बुरे हाल!

जीतू पटवारी ने आगे कहा- सरकार पुलिस महकमे में 7500 पदों पर भर्ती को अपनी बजट उपलब्धि बता रही है. जबकि मप्र में कानून व्यवस्था की बदहाली, दलित और आदिवासी उत्पीड़न के साथ महिलाओं से जुड़े अपराध रोकने के लिए यह संख्या अपर्याप्त है. सरकार कह रही है कि मध्यप्रदेश में सरकारी सेवाओं में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षाओं की फीस को कम करेंगे. बेहतर होता सरकार भर्ती परीक्षा के घोटाले और पेपर लीक को रोकने के लिए कोई कठोर व्यवस्था सुनिश्चित करती. 

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पीएम आवास योजना के लिए 4 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करने के बाद वित्त मंत्री खुद ही अपनी पीठ ठोक रहे हैं. सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश में पीएम आवास घटिया निर्माण और वितरण की सर्वाधिक गड़बड़ी का शिकार हैं. सरकार का बजट बता रहा है कि पीएम ई-बस योजना के तहत मप्र के छह शहरों में 552 ई बसें चलाई जाएंगी. बेहतर होगा सरकार शहरी सड़कों का जायजा ले. बसों को चलाने से पहले बड़े शहरों में रोजाना लगने वाले जाम से मुक्ति और बेहतर सड़क के प्रबंध भी कर लिए जाएं. 

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