MP Election 2023: CEC की बैठक में 86 में से 36 सीटों पर बनी सहमति, लेकिन इन सीटों पर टेंशन
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MP Election 2023: कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की दिल्ली में बैठकों का दौर लगातार जारी है. बुधवार को रात 11 बजे तक बैठक चली और गुरुवार सुबह 10 बजे से ही एक बार फिर से सीईसी की बैठक शुरू हो गई. लेकिन अब तक बची हुई सभी 86 सीटों को लेकर कोई सूची कांग्रेस जारी नहीं कर सकी है. हालांकि कांग्रेस से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि इन 86 में से 36 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए गए हैं लेकिन शेष 50 सीटों को लेकर अभी भी माथापच्ची चल रही है.
50 सीटों पर उम्मीदवारी तय करने को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच मतभेद की खबरें भी निकलकर सामने आई हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम है कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी, जिन्हें लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच काफी विवाद भी सामने आ चुका है.
कमलनाथ वीरेंद्र रघुवंशी को शिवपुरी सीट पर टिकट देना चाहते हैं लेकिन दिग्विजय सिंह ने शिवपुरी सीट पर केपी सिंह को टिकट दिला दिया है. कमलनाथ का कहना है कि वीरेंद्र रघुवंशी को बीजेपी से तोड़कर इसलिए ही लेकर आए थे कि उनको कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाएंगे लेकिन पहली सूची में उनका नाम गायब था.
इसी तरह दिमनी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने उम्मीदवारी के नाम को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस का एक धड़ा चाहता है कि वर्तमान कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर को ही रिपीट किया जाए जबकि अन्य धड़ा चाहता है कि किसी नए तोमर चेहरे को नरेंद्र सिंह तोमर के सामने खड़ा किया जाए.
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इन सीटों पर फंस रहा है पेंच
ग्वालियर ग्रामीण सीट से कांग्रेस ने साहब सिंह गुर्जर को टिकट दिया है जबकि इस सीट पर केदार कंषाना का टिकट फाइनल माना जा रहा था लेकिन 144 लोगों की पहली सूची में केदार कंषाना का नाम गायब था और साहब सिंह गुर्जर को कांग्रेस ने टिकट दे दिया. साहब सिंह गुर्जर पहले कांग्रेस पार्टी में थे, सिंधिया गुट में थे लेकिन सिंधिया गुट ने भाव नहीं दिया तो उन्होंने 2018 में कांग्रेस से बगावत कर बसपा से चुनाव लड़ा. फिर दिग्विजय सिंह ने उनकी कांग्रेस में वापसी कराई और अब सूत्र बता रहे हैं कि दिग्विजय सिंह के खेमे से ही साहब सिंह गुर्जर को टिकट दिया गया है. साहब सिंह गुर्जर को लेकर भी पार्टी के अंदर मतभेद सामने आए हैं.
ग्वालियर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने प्रद्युम्न सिंह तोमर को अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन कांग्रेस इस सीट पर प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है. कांग्रेस ने ग्वालियर जिले की 6 में से 5 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए लेकिन ग्वालियर विधानसभा सीट पर प्रद्युम्न सिंह तोमर के सामने प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी के अंदर तनाव जारी है. सीईसी की बैठक में इस सीट पर भी एक नए चेहरे को लाने को लेकर बहस हुई है. आपको बता दें कि यह क्षत्रिय समाज के ही एक धार्मिक नेता हैं, जिनको लाने की सिफारिश दिग्विजय सिंह खेमे द्वारा की गई है लेकिन कमलनाथ खेमा इसे लेकर राजी नहीं है.
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छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट पर चरण सिंह यादव को कांग्रेस ने टिकट दिया लेकिन यूपी के झांसी के रहने वाले हैं और कांग्रेस के अंदर इनको बाहरी बताकर इनका विरोध किया जा रहा है. यहां से भुवन विक्रम सिंह उर्फ केशु राजा का टिकट फाइनल माना जा रहा था लेकिन उनको टिकट न देते हुए पार्टी ने चरण यादव को टिकट दे दिया. टिकट की घोषणा के साथ ही केशु के समर्थकों ने बिजावर में एक जनसभा आयोजित कर विरोध जताया.
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राजनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने स्थानीय विधायक विक्रम सिंह नातीराजा को रिपीट किया है. ये पिछले चुनाव में मात्र 700 वोटों से चुनाव जीत पाए थे. पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि इनकी जगह पर किसी नए चेहरे को उतारा जाए, क्योंकि पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव के सामने जन आक्रोश यात्रा के दौरान नातीराजा के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराया था. लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने नातीराजा को ही मौका दिया, जिसके बाद यहां पर पूर्व विधायक शंकर प्रताप बुंदेला ने बगावत के सुर अख्तियार कर लिए हैं. इस सीट को लेकर भी बैठक में तनावपूर्ण चर्चा जारी है.
महाराजपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने मौजूदा विधायक नीरज दीक्षित को ही रिपीट किया है लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता इसे लेकर नाराज हैं, क्योंकि वे किसी नए चेहरे को लाने की मांग कांग्रेस नेतृत्व से कर रहे थे लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने नीरज दीक्षित को रिपीट कर दिया. इनके अलावा भी ऐसी दर्जनों सीट हैं, जिन्हें लेकर कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में चर्चा हुई है और उन्हें लेकर दिग्विजय गुट और कमलनाथ गुट के बीच मतभेद सामने आए हैं.
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