MP News: कृषि मंत्रालय संभालने के बाद किसान आंदोलनों से कैसे निपटेंगे शिवराज सिंह चौहान? क्या बनाई रणनीति

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
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MP News:  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री विदिशा लोकसभा सीट से लोकसभा के सांसद और अब मोदी कैबिनेट में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंत्री का पद संभाल लिया है. अब वह मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री हो गए हैं. कृषि मंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान के सामने एक सबसे बड़ी चुनौती किसान आंदोलन की है.  किसान आंदोलन जो पिछले कई सालों से सुर्खियां बटोर रहा है.

आपको बता दें कि किसान आंदोलन एक बड़ चुनौती के रूप में शिवराज सिंह चौहान के लिए देखा जा रहा है. उनके कृषि मंत्री बनने के बाद आखिर कैसे
शिवराज सिंह चौहान सरकार की नैया पार लगाएंगे. किसान आंदोलन से और कैसे वह किसान आंदोलन को खत्म करने की राह पर निकालेंगे. आइये जानते हैं. 

किसान आदोंलन बड़ी चुनौती

देश में किसान आंदोलन की गूंज लगातार कई सालों से बनी हुई है. सिंघु बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा देखा गया. वहां अभी भी अगर हम बात करें तो कई बॉर्डर्स पर किसान आंदोलन रत हैं. यानी कि किसान अभी भी आंदोलन कर रहे हैं. एमएसपी जैसी कई मांगों के साथ किसान जो है वह आंदोलन करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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अब जब मोदी कैबिनेट 3.0 यानी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार सरकार बनाई है. तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद उन्होंने ग्रहण किया है. उसके बाद अब उनकी सरकार के सामने किसान आंदोलन एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है.  खास तौर पर शिवराज सिंह चौहान के लिए यह बड़ी चुनौती माना जा रहा है. क्योंकि, अब कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बन चुके हैं. कृषि संबंधी कोई भी परेशानी अगर होती है. तो उसकी जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान के कंधों पर है. ऐसे में माना जा जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान आने वाले समय में किसान आंदोलन को रोकने और उसे खत्म करने की राह देखने नजर आएंगे. 

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किसान पुत्र कहे जाते हैं शिवराज

आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान खुद को किसान पुत्र कहते हैं. उन्होंने अपने एफिडेविट्स में भी यह बात साफ तौर पर लिखी है. कि, वह किसान
परिवार से आते हैं. किसानी उनका एक पेशा भी है. वहीं अगर शिवराज सिंह चौहान के व्यक्तित्व की बात की जाए तो उनका व्यक्तित्व काफी सौम्य और सरल माना जाता है.

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शिवराज सिंह चौहान लोगों के बीच में आसानी से घुल मिल जाते हैं. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में वह बच्चों के मामा और महिलाओं के भैया के रूप में भी जाने जाते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि किसानों के बीच में भी शिवराज सिंह चौहान अपनी सौम्यता सरलता के साथ पहुंचकर इस समस्या का कोई ना कोई निदान निकालेंगे.

किसान आंदोलन मोदी सरकार के सामने रहे हैं बड़ी चुनौती

आपको बता दें कि इससे पहले मोदी सरकार के लिए किसान आंदोलन लगातार जो है वह मुश्किल खड़ी करता रहा है.  मध्य प्रदेश से ही आने वाले नरेंद्र सिंह तोमर इससे पहले मोदी सरकार में कृषि मंत्री थे. लेकिन, उनके कार्यकाल में भी किसान आंदोलन रत रहे और तो और किसानों को लेकर जो तीन फार्मर्स बिल मोदी सरकार लेकर आई थी. उसे आखिरकार मोदी सरकार को वापस लेना पड़ा था. ऐसे में नरेंद्र सिंह तोमर के बाद अब मध्य प्रदेश की दूसरे बड़े नेता शिवराज सिंह चौहान के कंधों पर किसान आंदोलन की जिम्मेदारी आ गई है.

ऐसे में माना जा रहा है कि अब शिवराज सिंह चौहान जो है वह एक्शन मोड में आएंगे. कहीं ना कहीं अपने किसान भाइयों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनकर किसान आंदोलन को खत्म करने की कवायत करते हुए दिखाई देंगे. लेकिन फिलहाल शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्री के तौर पर जो कार्यकाल शुरू हुआ है. उसमें सबसे बड़ी चुनौती उनके लिए किसान आंदोलन माना जा रहा है.

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