MP POLITICS: गुटबाजी के सवाल पर क्यों बोले सिंधिया, ‘BJP में न कोई गुट है न कोई बाजी है’
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MP POLITICS: मध्यप्रदेश बीजेपी में चल रही गुटबाजी पर आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया को कहना ही पड़ा कि बीजेपी में न कोई गुट है न ही कोई बाजी है. बीजेपी ऐसी पार्टी है, जिसके शब्दकोष में गुटबाजी जैसे शब्द के लिए कोई जगह नहीं है तो पार्टी के अंदर गुटबाजी कहां से होगी. अब सवाल ये हैं कि आखिर सिंधिया को ये क्यों कहना पड़ा कि बीजेपी के अंदर कोई गुटबाजी नहीं है.
दरअसल इस समय ग्वालियर में बीजेपी की संभाग स्तरीय चुनाव समिति की बैठक चल रही है. जिसमें मप्र बीजेपी के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं कई दिग्गज भाजपाई नेता इस बैठक में मौजूद हैं.
बैठक से पहले मीडियाकर्मियों से बात करते समय सिंधिया ने यह बात कही कि बीजेपी में कोई गुटबाजी नहीं है और सभी नेता हमारे चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव के निर्देशन में काम करेंगे. सभी नेताओं को अलग-अलग संभाग और जिलों की जिम्मेदारी दी गई है और इस बैठक के जरिए ये रूप रेखा तैयार होगी कि बीजेपी की नीतियों को, उसके विकास कार्यों को और जनता के मन में शिवराज सरकार के विश्वास को कैसे लेकर जाएंगे.
तुलसी सिलावट के एक विज्ञापन ने बढ़ाई पार्टी के लिए मुसीबत
सिंधिया को गुटबाजी के लिए जवाब इसलिए भी देना पड़ा, क्योंकि उनके समर्थक और कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने ग्वालियर के अखबारों में एक ऐसा विज्ञापन दे दिया था, जिसमें पूर्व जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी का फोटो तो था लेकिन वर्तमान जिलाध्यक्ष अभय चौधरी का नाम और फोटो उसमें से गायब था. जिसके बाद ये खबरें चलने लगीं कि बीजेपी में सिंधिया का गुट अलग और बीजेपी के मूल कैडर वाला गुट अलग तरीके से काम कर रहा है. जिसके बाद तुलसी सिलावट को भी सफाई देना पड़ गई कि ये विज्ञापन राजनीतिक नहीं था और तुलसी सिलावट ऐसी गलती नहीं कर सकता.
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टीकमगढ़ सहित पूरे बुंदेलखंड से बताया सिंधिया ने अपना रिश्ता
शनिवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान बुंदेलखंड के दौरे पर पहुंचे थे. यहां पर दोनों नेता टीकमगढ़ पहुंचे और यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्व. माधवराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण किया गया. इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि टीकमगढ़ सहित पूरे बुंदेलखंड के साथ सिंधिया परिवार का खास रिश्त रहा है.
सिंधिया ने बताया कि मुगल काल में जब राजा छत्रसाल ने बुंदेलखंड की मदद के लिए पेशवा बाजीराव को बुलाया था तो उनके साथ उनके पूर्वज रानोजी सिंधिया ने भी मदद की थी और बुंदेलखंड की अखंडता और आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी. इसी तरह उनके स्व. पिता माधवराव सिंधिया ने बुंदेलखंड के विकास के लिए रेल की सुविधा प्रदान कराई थी, जब वे देश के रेल मंत्री हुआ करते थे.
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