शिवपुरी सीट पर नहीं खत्म हो रहा विवाद, वीरेंद्र रघुवंशी ने केपी सिंह पर लगाया धोखेबाजी का आरोप

राहुल जैन

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Congress MLA k p singh controversial statement regarding women said Those whose husbands are old
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए जारी टिकट वितरण होने के बाद शुरू हुई नाराजगी अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कई नेता या तो घर पर बैठे हैं या फिर किसी भी प्रकार के प्रचार प्रसार में भाग नहीं ले रहे हैं. दरअसल शिवपुरी सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता केपी सिंह को टिकट देने के बाद कई नेताओं ने नाराजगी देखने को मिली थी. जो अब तक खत्म लेने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच केपी सिंह पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कई आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस दावेदारों ने केपी सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि ” केपी ने छल करके टिकट लिया. इसलिए मैं शिवपुरी में प्रचार नहीं करूंगा. उन्होंने मेरे साथ ठीक नहीं किया. मैं अन्य कई विधानसभा में प्रचार कर रहा हूं, लेकिन मैं शिवपुरी में प्रचार नहीं करूंगा. आपको बता दें कि वीरेंद्र रघुवंशी आज भी पार्टी में होने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन शिवपुरी में पार्टी का सपोर्ट नहीं कर रहे हैं, क्या वीरेंद्र रघुवंशी की नाराजगी से शिवपुरी में केपी सिंह को नुकसान हो सकता है. आपको बता दे की केपी सिंह पिछोर से06 बार के विधायक है. तो वीरेंद्र रघुवंशी कोलारस से भाजपा के विधायक रहे हैं. जिन्होंने बीजेपी को छोड़ कांग्रेस का दामन टिकट की आस में थाम लिया था,लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकिट की जगह धोखा दे दिया.

क्या है पूरा घटनाक्रम?

शिवपुरी विधानसभा सीट में काफी दिनों तक कांग्रेस के टिकट को लेकर कई घटनाक्रम सामने आए थे, पिछोर से कांग्रेस के 06 बार के विधायक kp सिंह को शिवपुरी विधानसभा से टिकट दिया गया. टिकिट की घोषणा के बाद भाजपा छोड़ कांग्रेस में टिकट की आस लेकर आए वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थको ने जमकर शिवपुरी सहित भोपाल में हंगामा किया व अपने नेता वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट देने की मांग की, वहीं लगातार आखिरी समय तक शिवपुरी में टिकट बदलने को लेकर चर्चाएं तेजी से चलती रही, लेकिन कांग्रेस ने अपना फैसला नहीं बदला और केपी सिंह को ही शिवपुरी विधानसभा से टिकट दिया.

वीरेंद्र रघुवंशी के कार्यकर्ताओं से कमलनाथ बातचीत भी की थी. जिस दौरान का उनका एक बयान न सिर्फ प्रदेश की सियासी चर्चांओं का बाजार गर्म करता रहा, बल्कि खुद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को सामने आकर सफाई देनी पड़ी थी. अब देखना होगा कि बीते एक सप्ताह के अंदर वीरेंद्र रघुवंशी चुनाव प्रचार के लिए एक्टिव होते हैं या फिर नहीं.

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