कौन हैं राहुल लोधी, जिन्हें चुनाव से ठीक पहले शिवराज कैबिनेट में देनी पड़ी जगह?
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MP Election 2023: शिवराज मंत्रिमंडल का लंबे इंतजार और कई कयास के बाद आखिरकार चुनाव से 100 दिन पहले विस्तार हुआ है. भले ही नए मंत्रियों को अपने कार्यकाल का महज डेढ़ माह का वक्त मिला हो, लेकिन चुनाव (MP Election 2023) को ध्यान में रखते हुये ये कार्यकाल काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में तीन नए सदस्यों को शामिल किया गया है. आज राजभवन में विंध्य से राजेंद्र शुक्ला, महाकौशल (Mahakaushal) से गौरीशंकर बिसेन (Gaurishankar bisen) और बुंदेलखंड (Bundelkhand) क्षेत्र से उमा भारती (Uma Bharti) के भतीजे राहुल लोधी (Rahul Lodhi)ने मंत्री पद की शपथ ली है.
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे खरगापुर(Khargapur) विधायक राहुल सिंह लोधी को मंत्री मंडल में शामिल किया गया है. राहुल लोधी पहली बार विधायक बने हैं. उन्हें राजयमंत्री बनाया गया है. राहुल को मंत्रिमंडल में शामिल करके बीजेपी ने बुंदेलखंड और उमा भारती को साधने की कोशिश की है. राहुल 2018 से पहले 2013 में भी चुनावी मैदान में उतरे थे. तब उनको हार का सामना करना पड़ा था.
बुंदेलखंड और लोधी वोटर को साधने की कोशिश
बुंदेलखंड क्षेत्र में टीकमगढ़ जिले के खरगापुर से पहली बार विधायक बने लोधी को राज्य मंत्री बनाया गया है. लोधी भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं. समय-समय पर उमा भारती की नाराजगी सामने आती रहती है. जिसको लेकर बीजेपी को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. ऐसा माना जा रहा है कि उमा भारती और लोधी वोटर को साधने के लिए राहुल लोधी पर दाव लगाया गया है. राहुल लोधी ने पढ़ाई में बीए और एमए किया है. लोधी की पत्नी उमिता सिंह राजपूत टीकमगढ़ की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं.
मंत्री बनने के बाद क्या बोले राहुल?
राहुल लोधी ने शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से चर्चा करते हुये बताया कि ” जो भी डिसीजन हुआ सही समय पर हुआ है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सही समय पर मंत्रीमंडल विस्तार का निर्णय लिया है. हमारा लक्ष्य बुदेलखंड में ज्यादा से ज्यादा सीटों को बीजेपी को जिताकर देना है. जिसके लिए हम सभी मिलकर काम करेगें”
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मंत्रिमंडल में एक जगह अभी भी खाली
शिवराज कैबिनेट में इस समय 31 सदस्य हैं. नियमों के अनुसार अभी चार मंत्री बनाए जा सकते हैं. चौथे मंत्री के तौर पर बीजेपी किसी आदिवासी या अनुसूचित जाति के विधायक को शपथ दिलवाना चाहती थी, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई है.
क्यों हाईकोर्ट ने राहुल लोधी के कार्यकाल को शून्य घोषित किया था?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने टीकमगढ़ अंतर्गत खरगापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक (Kharagpur BJP MLA) के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया था. याचिकाकर्ता का कहना था कि राहुल सिंह लोधी ने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी दी है. हाईकोर्ट को बताया गया कि विधायक लोधी सरकार से लाभ अर्जित करने वाली फर्म में पार्टनर हैं. लोधी की फर्म एमपीआरडीसी में ठेकेदारी का काम करती है. नाम निर्देशन पत्र के हलफनामे में इस तथ्य को छिपाया गया था. याचिका में निर्वाचन शून्य घोषित कर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने चुनाव को शून्य घोषित कर दिया था. राहुल ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पूरे मामले में निर्वाचन शून्य घोषित होने के फैसले पर स्टे लगा दिया था.
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