MP और राजस्थान में बंट रही ‘चुनावी रेवड़ी’ पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, चुनाव आयोग को भी नोटिस

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MP Election 2023, MP Government, Rajasthan Government, Supreme Court, Strictness of Supreme Court
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MP Election 2023: चुनाव नजदीक देख मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकार लगातार ऐसी योजनाएं लांच करते जा रहे हैं, जिसमें लगभग मुफ्त में करोड़ों लोगों को कई तरह के लाभ दिए जा रहे हैं. लाड़ली बहना योजना से लेकर सस्ते गैस सिलेंडर तक ऐसी कई योजनाएं हैं, जिसके लिए सरकार को कर्ज पर कर्ज लेना पड़ रहा है और सरकारी खजाना खाली होता जा रहा है. अब इस चुनावी रेवड़ी पर सुप्रीम कोर्ट की नजर पड़ गई है और इस पर कोर्ट ने सख्त हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर लगी एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इस पर मध्यप्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है.

मध्यप्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार को नोटिस देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी नोटिस दिया है. 4 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने का समय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार अपने सरकारी खजाने में गंभीर वित्तीय बाधाएं पैदा करके ऐसी योजनाएं लांच करा रहे हैं, जिससे उन्हें चुनावी लाभ हो और जनता को लगभग फ्री में बुनियादी सुविधाएं मिलें.

जनहित याचिका में मांग की गई है कि चुनाव से पहले जनता को की जा रही नकद पैसा वितरण पर रोक लगाई जाए. इसके कारण मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार के सरकारी खजाने को भारी दिक्कत पैदा हो रही है और इसके कारण इन सरकारों को अनियमित कर्जा लेना पड़ रहा है. इसके दूरगामी परिणाम बुरे होंगे और इन प्रदेशों की आर्थिक हालत बिगड़ेगी.

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लाड़ली बहना योजना, सस्ता गैस सिलेंडर को लेकर है चर्चा

लाड़ली बहना योजना जब से लांच हुई है, जिसमें महिलाओं को पहले 1000 रुपए और अब 1250 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं, जिसे बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रतिमाह करना है. इसके साथ ही 450 से 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने की योजना को लेकर पूरे देश में चर्चा है. देश में इसे फ्री में रेवड़ी बांटकर चुनावी फायदा लेने को लेकर इन सरकारों की आलोचना भी हो रही है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.

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