BJP के इस दिग्गज नेता ने क्यों बोला- सिंधिया की मदद से शिवराज को नहीं बनना चाहिए था CM?

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MP BJP, Jyotiraditya Scindia, Satyanarayan Sattan, CM Shivraj Singh Chauhan, MP Election 2023
MP BJP, Jyotiraditya Scindia, Satyanarayan Sattan, CM Shivraj Singh Chauhan, MP Election 2023
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MP Election 2023: बीजेपी में जनसंघ के जमाने के नेता और कुछ महीने पहले तक पार्टी में बगावती तेवर दिखाने वाले सत्यनारायण सत्तन ने एक बार फिर से 2020 में बनी भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं. एमपी तक से बातचीत में सत्तन बोलते हैं कि 2018 में मध्यप्रदेश की जनता ने सत्ता कांग्रेस को दी थी, भाजपा को बहुमत नहीं मिला था. लेकिन सिंधिया का सहयोग लेकर 2020 में जिस तरह से भाजपा ने सरकार बनाई, वैसे सरकार नहीं बनाना चाहिए थी.

सत्तन बताते हैं कि 2020 में जिस तरह से जोड़-तोड़ करके सरकार बनाई, वो गलत था. शिवराज सिंह चौहान को सिंधिया की मदद से मिली सत्ता में मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए था. सत्तन यह भी बताते हैं कि सिंधिया और उनके समर्थकों का बीजेपी में आने का सबसे पहले विरोध उन्होंने ही किया था लेकिन सिंधिया ने बीजेपी के सिद्धांतों को अपनाया, इसमें कोई संदेह नहीं है.

सत्तन बताते हैं कि यदि सिंधिया बीजेपी के अंदर महाराज नहीं भाईसाहब बनकर काम करेंगे तो वे जरूर चलेंगे और उनको पुराने भाजपाई भी स्वीकार करेंगे. सत्तन बताते हैं कि उनकी बीजेपी से कोई नाराजगी नहीं है. वे अटल जी के जमाने से पार्टी में सेवा दे रहे हैं. इसलिए पार्टी की त्रुटियों को बताना उनका धर्म है.

लाड़ली बहना योजना ने शिवराज की लोकप्रियता बढ़ाई- सत्तन

मध्यप्रदेश की राजनीति जो है वो कश्मकश के दौर से गुजर रही है. लाड़ली बहना योजना अच्छी है और माताओं और बहनों की रक्षा और ध्यान रखने के संकल्प को दौहराया है. जनता का पैसा है और उसे जनता को ही अर्पित कर रहे हैं. इसमें क्या दिक्कत है. बस ये हो सकता है कि इसे लाने का जो समय है, वो क्या है, उस पर सवाल खड़े किए जा सकते हैं. लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि लाड़ली बहना योजना ने शिवराज की लोकप्रियता में इजाफा किया है.उसके माध्यम से बीजेपी ने महिला वोटरों के बीच जगह तो बनाई है.

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विजयवर्गीय को चुनाव लड़वाना किसी मजबूरी का सूचक- नेता

सत्यनारायण सत्तन बताते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय जैसे बड़े नेता को एक विधानसभा में ले जाकर खड़ा कर देना, ये किसी मजबूरी में ही ऐसा किया गया है. आकाश विजयवर्गीय को तो संभव ही नहीं कि टिकट मिलेगा. एक परिवार में से किसी एक को ही टिकट दिया जाएगा. जब पिता को टिकट दे दिया है तो आकाश को स्वयं ही चुप हो जाना चाहिए.

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