MP Politics: कैलाश विजयवर्गीय को गुलाब जामुन खिलाने वाले कांग्रेस नेता पर गिरी गाज, पार्टी ने लिया बड़ा एक्शन

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

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Indore Congress News: कैलाश विजयवर्गीय बीती 12 जुलाई को इंदौर के स्थानीय कांग्रेस कार्यालय (गांधी भवन) में पार्टी नेताओं को एक पेड़ मां के नाम पहल के तहत आयोजित पौधारोपण अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने गए थे. कांग्रेस नेताओं मंत्री विजयवर्गीय के साथ चाय-नाश्ते पर हंसी-मजाक करते देखे गए.

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Indore Congress News: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्‌ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को सस्पेंड कर दिया. उनका कसूर ये था कि 12 जुलाई को कांग्रेस दफ्तर में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत बीजेपी के अन्य नेताओं का जोरदार स्वागत किया और उन्हें गुलाब जामुन खिलाई थी. निलंबित करने के आदेश में साफ कहा गया है कि दोनों नेताओं से 7 दिन में जवाब देने को कहा गया था, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई है. 

दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय बीती 12 जुलाई को इंदौर के स्थानीय कांग्रेस कार्यालय (गांधी भवन) में पार्टी नेताओं को एक पेड़ मां के नाम पहल के तहत आयोजित पौधारोपण अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने गए थे. इस दौरान कांग्रेस पदाधिकारी मंत्री विजयवर्गीय के साथ चाय-नाश्ते पर हंसी-मजाक करते देखे गए. यहां पर कैलाश विजयवर्गीय को कांग्रेस कार्यालय में गुलाब जामुन भी खिलाई गई.

सोमवार को सामने आए 20 जुलाई को जारी नोटिस में चड्ढा और यादव से सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया था. साथ ही यह कहा गया है कि इस अवधि के दौरान दोनों अपने पदों से सस्पेंड रहेंगे. कांग्रेस हाईकमान ने नोटिस में कहा है, "गांधी भवन में ऐसे शख्स का स्वागत किया, जिसने लोकतंत्र की हत्या की है. अहिल्या की नगरी को शर्मसार किया है, उसका कार्यालय में बुलाकर स्वागत क्यों किया गया."

कांग्रेस कार्यालय से जारी हुआ आदेश.

नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिला: कांग्रेस

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कहना है कि कांग्रेस संगठन को दोनों नेताओं सुरजीत सिंह चड्ढा और सदाशिव यादव ने नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया, इस वजह से उन्हें सस्पेंड किया गया है. वह अब भी सस्पेंड चल रहे हैं.

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9 दिन बाद सामने आया लेटर, निलंबन पत्र भी आज आया सामने

इंदौर कांग्रेस ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्‌ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को शिकायत के बाद 20 जुलाई को 7 दिन के लिए निलंबन का लेटर जारी कर जवाब मांगा था. दोनों नेताओं के निलंबन की बात छिपाई गई. निलंबित करने का लेटर भी सोमवार को सामने आया है. इसमें कहा गया है, "एक ऐसा व्यक्ति (विजयवर्गीय) जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की एवं इंदौर की जनता से उनके मत का अधिकार छीनने का कृत्य करके देश-विदेश में इन्दौर को शर्मसार किया, जिसकी निंदा इंदौर वासियों ने भी की. ऐसे व्यक्ति का स्वागत सत्कार इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी गांधी भवन में करना अनुशासन हीनता की श्रेणी में आता है."

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कांग्रेस का आदेश.

इंदौर में लोकसभा चुनाव हराने में विजयवर्गीय की बड़ी भूमिका

बता दें कि इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अंतिम तिथि 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया था, जिससे कांग्रेस पहली बार इंदौर लोकसभा की दौड़ से बाहर हो गई थी. इसके बाद अक्षय बम BJP में शामिल हो गए थे. इसमें कैलाश विजयवर्गीय की बड़ी भूमिका थी. कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार अक्षय कांति बम को विजयवर्गीय ने अपनी कार में बैठाया और नामांकन वापसी के समय साथ थे.  

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कांग्रेस के मैदान में नहीं होने के कारण मौजूदा BJP सांसद शंकर लालवानी ने 11.75 लाख वोटों से जीत हासिल की, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में देश भर में सबसे बड़ी जीत है, जिसके परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे. लालवानी ने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार संजय सोलंकी को हराया था. 

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