केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की सीटों पर कितनी हुई वोटिंग? VVIP को होगा फायदा या नुकसान! जानें
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान 17 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है. इस बार भी प्रदेश में बंपर वोटिंग हुई है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 76 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है, जो पिछली बार से 2-3 फीसदी ज्यादा है. अब प्रदेश की सभी 230 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद हो गई है. सियासी समीकरण किस करवट बैठेंगे, कौन बनाएगा सरकार, बीजेपी या कांग्रेस? यह तो 3 दिसंबर के बाद ही पता चलेगा, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उनकी सीटों की हो रही है, जहां पर बीजेपी ने अपने सांसद और केंद्रियों मंत्रियों को टिकट देकर मैदान में उतार दिया है.
मध्य प्रदेश में सभी सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है. कुछ जगहों पर सपा, बसपा और निर्दलीय मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. लेकिन जनता की नजरें उन सीटों पर हैं, जहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, रीति पाठक, गणेश सिंह, राव उदयप्रताव हैं.
CM की सीट बुधनी पर बंपर मतदान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सीट होने के नाते सीहोर की बुधनी सीट पर देश भर की नजर है. ये सीएम शिवराज की परंपरागत सीट है. यहां से कांग्रेस ने अभिनेता विक्रम मस्ताल को टिकट दिया है. सपा यहां से मिर्ची बाबा को टिकट दिया है. बुधनी सीट पर लोगों ने जमकर मतदान किया है. वोटिंग 81.59 फीसदी रही है. 3 दिसंबर को पता चलेगा कौन जीतेगा.
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तोमर की दिमनी विधानसभा सीट
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना की दिमनी से चुनाव मैदान में हैं. उनके इस सीट से उतरने पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. यहां बीजेपी की टक्कर बीएसपी से चुनाव लड़ रहे बलवीर दंडोतिया से है. कांग्रेस ने यहां से रविंद्र तोमर को टिकट दिया है. इस सीट पर 66.2 फीसदी वोटिंग हुई है.
कैलाश की सीट इंदौर 1 में कम वोटिंग
हाई प्रोफाइल सीट इंदौर1 से बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मैदान में हैं. उनके उतरने से यह एमपी की हॉट सीट हो गई है. यहां कांग्रेस की ओर से संजय शुक्ला मैदान में हैं और वह वर्तमान विधायक भी हैं. इस सीट पर अपेक्षाकृत कम मतदान देखने को मिला है. कुल 69.08 प्रतिशत रहा.
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प्रहलाद पटेल की सीट नरसिंहपुर विधानसभा
बीजेपी ने नरसिंहपुर सीट से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को मैदान में उतारा है. 2018 में भी यहां से बीजेपी ने ही चुनाव जीता था. तब प्रहलाद सिंह पटेल के भाई जालम सिंह पटेल ने चुनाव जीता था. यहां इस बार 82.15 प्रतिशत मतदान हुआ है.
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राकेश सिंह फंसे कड़े मुकाबले में
जबलपुर जिले में 8 विधानसभा आती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में जबलपुर पश्चिम सीट है. यहां से बीजेपी ने जबलपुर सांसद राकेश सिंह को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की ओर से तरुण भनोट मैदान में हैं. इस बार यहां 71.66 प्रतिशत मतदान हुआ है.
गणेश सिंह सतना में कड़ा मुकाबला
सतना से बीजेपी ने चार बार के सांसद गणेश सिंह को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा है. उनके मैदान में आने से यहां मुकाबला दिलचस्प बन गया है. बीजेपी का खेल बागी बिगाड़ सकते हैं. बीएसपी ने भाजपा छोड़कर आए रत्नाकर चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाया है. इस बार यहां 71 प्रतिशत मतदान हुआ है.
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फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास से उतारा
आदिवासी बहुल सीट मंडला जिले की निवास सीट पर बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को चुनाव मैदान में उतारा है. यहां इस बार 82 प्रतिशत मतदान हुआ है. यहां पर मुकाबला कड़ा नहीं है.
सीधी से रीति पाठक, मुकाबला केदारनाथ शुक्ला से
पेशाब कांड की वजह से चर्चा में आई सीधी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने सांसद रीति पाठक को उम्मीदवार बनाया है. 2018 में यहां बीजेपी के केदार नाथ शुक्ला जीते थे. अब वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. यहां इस बार 69 प्रतिशत मतदान हुआ है.
गाड़रवारा से तीन बार के सांसद को मिला टिकट
नरसिंहपुर बीजेपी ने गाडरवाड़ा विधानसभा तीन बार के सांसद राव उदय प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की ओर से सुनीता पटेल मैदान में हैं. यहां 82 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड हुआ है. फैसला 3 दिसंबर को सामने आएगा.
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