सिंधिया ने जयराम रमेश को दी नसीहत, कविताएं कम, इतिहास ज्यादा पढ़ें
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Bhopal News: चुनावी साल आते ही कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग शुरू हाे चुकी है. आए दिन नेता एक दूसरे पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पार्टी के उनके पुराने साथी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुलाम नबी आजाद पर वार किया था. जयराम रमेश ने कहा था कि ये दोनों ही हमेशा बड़े लाभभोगी रहे हैं. और अब ये हर गुजरते दिन के साथ इसका प्रमाण दे रहे हैं. इसके अलावा जयराम ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी. इसको लेकर अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जयराम रमेश के ऊपर पलटवार किया है. सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा है कि आप कविताएं कम, इतिहास ज्यादा पढ़े”. लगातार हो रही इस बयानबाजी से प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं.
सिंधिया ने अपने ट्वीट में कहा “मुंह में राम बगल में छुरी! आपके ऐसे वक्तव्य साफ दर्शाते है कि कितनी मर्यादा व विचारधारा कांग्रेस में बची है. वैसे भी आप केवल स्वयं के प्रति समर्पित हैं; इसी से आपकी राजनीति जीवित है. मैं और मेरा परिवार हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहें है”. सिंधिया ने जयराम पर हमला करते हुए कहा कि कविताएं कम, इतिहास ज्यादा पढ़े”
मुंह में राम बगल में छुरी! आपके ऐसे वक्तव्य साफ दर्शाते है कि कितनी मर्यादा व विचारधारा कांग्रेस में बची है । वैसे भी आप केवल स्वयं के प्रति समर्पित हैं; इसी से आपकी राजनीति जीवित है। मैं और मेरा परिवार हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहें है। https://t.co/57bNHdMlag
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 5, 2023
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गुलाम नबी आजाद के बयान के बाद ट्वीट वार शुरू
पूर्व कांग्रेसी और अब डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा बुधवार को लॉन्च की गई. इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान आजाद कांग्रेस और खासतौर पर राहुल गांधी पर खूब बरसे. उन्होंने इस दौरान बड़ी बात कही और खुद के कांग्रेस छोड़ने की वजह राहुल गांधी को बताया. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, सिर्फ मैं ही क्यों, मेरे जैसे कई बहुत से लोगों के द्वारा कांग्रेस छोड़े जाने की वजह राहुल गांधी थे. उन्होंने कहा कि ”उस पार्टी में बने रहने के लिए रीढ़हीन होना जरूरी है.
Has he forgotten Subhadra Kumari Chauhan’s immortal poem on the Rani of Jhansi?
अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥https://t.co/JOz45i574f— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 5, 2023
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सिंधिया और आजाद बड़े लाभभोगी: जयराम रमेश
गुलाम नबी आज़ाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही कांग्रेस सिस्टम और पार्टी नेतृत्व के बड़े लाभभोगी रहे हैं. लेकिन अब हर गुजरते दिन के साथ, वे प्रमाण देते हैं कि इस उदारता के वे योग्य नहीं थे. वे अपना असली चरित्र दिखा रहे हैं, जिसे उन्होंने इतने लंबे समय तक छुपा कर रखा था. इसके अलावा अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी.
गुलाम नबी आज़ाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही कांग्रेस सिस्टम और पार्टी नेतृत्व के बड़े लाभभोगी रहे हैं। लेकिन अब हर गुजरते दिन के साथ, वे प्रमाण देते हैं कि इस उदारता के वे योग्य नहीं थे। वे अपना असली चरित्र दिखा रहे हैं, जिसे उन्होंने इतने लंबे समय तक छुपा कर रखा था।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 5, 2023
सिंधिया ने कहा कविताएं कम, इतिहास ज्यादा पढ़े
सिंधिया ने जयराम रमेश के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि “कविताएँ कम और इतिहास ज़्यादा पढ़ें” इसके आगे सिंधिया ने लिखा इस प्रकार उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता. मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे. लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़े-टुकड़े हो गई. – जवाहरलाल नेहरू की किताब, ‘Glimpses of World History’
कविताएँ कम और इतिहास ज़्यादा पढ़ें।
“Thus they (Marathas) had practically inherited the Delhi Empire.The Marathas remained to challenge British supremacy.But the Maratha power went to pieces after the death of Mahadji Scindia”
– Nehru in his book ‘Glimpses of World History’
1/3 https://t.co/AI2J8kr13H— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 5, 2023
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