सिंधिया के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष का उल्टा पड़ा दांव , हाईकोर्ट ने ठोका जुर्माना, जानें

सर्वेश पुरोहित

ADVERTISEMENT

MP News, MP Politics, Dr Govind Singh, high court
MP News, MP Politics, Dr Govind Singh, high court
social share
google news

MP Politics News: नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह (Govind Singh) पर उन्हीं का दांव उल्टा पड़ गया है. हाई कोर्ट ने उनके ऊपर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindhia) के नामांकन से जुड़ी एक जनहित याचिका को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench) ने खारिज करते हुए, नेता प्रतिपक्ष के ऊपर जुर्माना ठोका है. दरअसल नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाते हुए इस मामले की सुनवाई के लिए बेंच बदलने की गुहार लगाई थी.

नेता प्रतिपक्ष ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा निर्वाचन को चुनौती देते हुए एक पिटीशन दायर की है. इसमें आरोप लगाया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नामांकन दाखिल करते समय जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया था, उसमें भोपाल के पुलिस थाना श्यामला हिल्स में दर्ज एफआईआर की जानकारी नहीं दी गई थी.

ये भी पढ़ें: इस महिला नेता ने बीजेपी से दिया इस्तीफा, बोलीं- लडूंगी चुनाव, पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप

ADVERTISEMENT

बेंच के खिलाफ लगाए झूठे आरोप

इस मामले में जस्टिस दीपक अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई. जिसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद भी हाईकोर्ट में आवेदन देते हुए सुनवाई अन्य कोर्ट में करने की गुहार लगाई गई. इससे साफ तौर पर यह स्पष्ट होता है कि आवेदनकर्ता ने न्यायालय पर दबाव बनाने के लिए यह आवेदन प्रस्तुत किया. इसलिए बेंच के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए, यदि याचिकाकर्ता चुनाव याचिका की सुनवाई इस बेंच में करने के इच्छुक नहीं थे, तो उन्हें यह आवेदन हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए था.

ये भी पढ़ें: कमलनाथ की जाति क्या है? चुनावी साल में इस नेता ने कर दिया पूर्व CM की जाति का खुलासा

ADVERTISEMENT

कोर्ट ने लगाया जुर्माना

ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा में नामांकन से जुड़े इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही थी. कुछ दिन पहले  डॉक्टर गोविंद सिंह की ओर से हाईकोर्ट में आवेदन पेश किया गया था, जिसमें मामले की सुनवाई अन्य बेंच में स्थानांतरित करने की गुहार लगाई गई थी. जिसे गलत ठहराते हुए कोर्ट ने उनके ऊपर जुर्माना लगाया है. पूरे मामले में डॉ गोविंद सिंह की ओर से छत्तीसगढ़ शासन के अतिरिक्त महाधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट कुबेर बौद्ध एवं स्थानीय अधिवक्ता मानस दुबे पैरवी कर रहे थे. इस मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें: BJP नेता का कारनामा, वेयरहाउस में करोड़ों के चना-गेहूं की जगह रखा सीमेंट; बाप-बेटे पर FIR

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT