MP अजब है: यहां सच में करा दी तोता-मैना की शादी; बारात भी निकाली, रिसेप्शन भी हुआ!

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MP NEWS: अभी तक आपने लोगों को प्रेमी जोड़ों को तोता-मैना कहते हुए सुना होगा. जब दो लोगों की शादी होती है तो लोग कभी प्यार से तो कभी मजाक में बोलते हैं कि ‘ऐसे लग रहे हैं जैसा तोता-मैना की जोड़ी हो’. लेकिन मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में तो दो परिवारों ने मिलकर सच में ही तोता-मैना की शादी करा दी. एक परिवार के पास तोता पला हुआ था तो दूसरे परिवार के पास मैना पली हुई थी. तोता को विश्वकर्मा परिवार ने पाला हुआ है. तोता का नाम है मिंटू और मैना को परिहार परिवार ने पाला हुआ था और उसका नाम रखा है पिंकी.

बताते हैं कि दोनो परिवार आपस में पड़ोसी हैं. मैना जिस परिवार में पली हुई थी, उस परिवार को शिकायत थी कि उनकी मैना बोलती नहीं है. जबकि पड़ोस के परिवार में पला हुआ तोता खूब बोलता है. ऐसे में मैना को पालने वाले परिवार के लोगों ने सोचा कि यदि उसकी शादी पड़ोस के परिवार में पले हुए तोता से करा दी जाए तो उनकी मैना भी बोलना सीख जाएगी. इस वजह को लेकर दोनों परिवारों ने मिलकर तोता-मैना की शादी करा दी. जिसकी अब पूरे नरसिंहपुर में चर्चा हो रही है.

आपको जानकार हैरानी होगी कि इस शादी के लिए दोनों परिवारों ने मिलकर तोता-मैना की कुंडली का मिलान भी कराया. जिसमें तोता-मैना के 5 मैत्री गुण भी मिल गए. इसके बाद मैना को पालने वाले परिवार के लोग लगुन लेकर तोता को पालने वाले परिवार के घर पर गए. बीते 3 फरवरी को तोता-मैना की सगाई हुई और 5 फरवरी को तोता-मैना की शादी कराई गई. यह पूरा घटनाक्रम नरसिंहपुर के पिपरिया रांकई गांव में हुआ. इस शादी में पूरा गांव शामिल हुआ और शादी की सभी रस्में निभाई गईं.

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बैंड बजे, बारात आई और फिर रिसेप्शन भी हुआ
तोता की बारात लेकर विश्वकर्मा परिवार मैना को लेने के लिए परिहार परिवार के घर पर पहुंचे. इसके लिए बकायदा बैंड बाजा की व्यवस्था की गई थी. दोनाें परिवार के लोग और शादी में शामिल हुए ग्रामीण जमकर नाचे. इसके बाद रिसेप्शन का आयोजन हुआ. जिसमें बारात में शामिल हर मेहमान ने स्वादिष्ट भोजन का आनंद भी लिया. अब लोग हैरानी से पूछ रहे हैं कि विश्वकर्मा परिवार और परिहार परिवार ने ऐसा कैसे कर दिया? जबकि दोनों ही परिवारों के लोगों का कहना है कि वे पशु-पक्षी प्रेमी हैं.  उनके तोता-मैना उनके लिए परिवार के अन्य सदस्यों जैसे ही हैं. बचपन से तोता-मैना पालकर बढ़े किए थे. इसलिए शादी की जिम्मेदारी भी परिवारों ने उठाई.

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