भारत के किलों में मोती है ग्वालियर फोर्ट, जानें क्यों है खास?

27 AUG 2024

Credit: MPTourism, Atulya Bharat

ग्वालियर का खूबसूरत किला मध्य प्रदेश के  सबसे खास ऐतिहासिक स्थलों में से एक है.

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ये विशाल किला तीन वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी ऊंचाई 35 फीट है.

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बलुआ पत्थर से बना ग्वालियर  किला गोपाचल नामक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है.

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किले की वास्तुकला अद्भुत है. इसमें प्राचीन भारतीय के साथ मुगलकालीन वास्तुकला की झलक भी देखने को मिलती है. 

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8 वीं शताब्दी में बने ग्वालियर किले को भारत का जिब्राल्टर भी कहा जाता है. 

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 कहा जाता है कि मुगल सम्राट बाबर ने ग्वालियर फोर्ट को 'हिंद के किलों के गले में मोती' कहा था. 

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ग्वालियर फोर्ट 2 हिस्सों में बंटा है, जिसमें एक हिस्सा मान मंदिर पैलेस और दूसरा एक गुर्जरी महल है.

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ग्वालियर किले के अंदर कई महल और विशाल दरवाजे हैं, जिन्हें देख आप हैरान रह जाएंगे. 

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ग्वालियर किला सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है. आप दिनभर यहां घूम सकते हैं. 

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