फोटो: एमपी तक 

MP में पटवारी परीक्षा को लेकर सियासी भूचाल मचा हुआ है. आरोप है कि मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए 15 लाख रुपये की रिश्वत दी गई है.   

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आइए बताते हैं कि जिस पटवारी का पद पाने के लिए मध्य प्रदेश में बवाल मचा हुआ है, वह पटवारी का पद कितना खास होता है और क्यों हर युवा पटवारी बनना चाहता है...

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पटवारी एक प्रशासनिक पद है, जो भारत में भूमि और राजस्व के प्रशासन और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं..

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पटवारी गांवों में लोगों की जमीनों को मापने, फसल पैदावार का रिकॉर्ड बनाने और अपडेट करने का काम करता है. 

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यूपी में पटवारी को 'लेखपाल' कहा जाता है. वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में पटवारी को 'तलती' भी कहा जाता है. 

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भारत में पटवारी व्यवस्था मुगलकाल से चली आ रही है. मुगल बादशाह शेर शाह सूरी ने इसकी शुरुआत की थी. 

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ब्रिटिश काल में 1814 में पटवारियों की नियुक्ति का कानून पारित किया गया था. 

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एमपी में पटवारी बनने के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू आयोजित किया जाता है. पटवारी भर्ती में रिजर्वेशन होता है.

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पटवारी के आवेदन के लिए ग्रेजुएट होना अनिवार्य है. इसके अलावा कंप्यूटर का ज्ञान और हिन्दी टाइपिंग आना भी जरूरी है. 

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पटवारी को 20800 की इन हैंड सैलरी के अलावा महंगाई भत्ता, मकान, शिक्षा, मेडिकल, यात्रा और अवकाश यात्रा भत्ता भी मिलता है.  

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