पूर्व CM शिवराज की हो गई ऐसी हालत! सरकार से इस मामले में कार्रवाई के लिए कर रहे याचना

एमपी तक

06 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 6 2024 8:44 AM)

कहते हैं कुर्सी जाते ही लोगों का नजरिया और तेवर दोनों ही बदल जाते हैं. इस बात को यदि समझना हो तो बस आप पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का ट्वीटर हैंडल देख लें.

CM Mohan Yadav, Former CM Shivraj Singh Chauhan, MP BJP, Bhopal News, Illegal Children's Home

CM Mohan Yadav, Former CM Shivraj Singh Chauhan, MP BJP, Bhopal News, Illegal Children's Home

follow google news

Former CM Shivraj Singh Chauhan: कहते हैं कुर्सी जाते ही लोगों का नजरिया और तेवर दोनों ही बदल जाते हैं. इस बात को यदि समझना हो तो बस आप पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का ट्वीटर हैंडल देख लें. कभी सीएम के रूप में मुखर तरीके से हर अपराध के खिलाफ एक्शन लेते दिखने वाले शिवराज सिंह चौहान की हालत आज ऐसी हो गई है कि उन्हें किसी क्राइम के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वर्तमान सरकार से याचना करना पड़ रही है.

यह भी पढ़ें...

मामला भोपाल का है. भोपाल में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अवैध रूप से संचालित एक बालगृह को पकड़ा है जहां से तकरीबन 26 बालिकाओं के गायब होने की जानकारी सामने आई है.

आयोग अपने स्तर पर जो कार्रवाई कर रहा है, वह तो कर ही रहा है लेकिन पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक्स पर पोस्ट करके सरकार से याचना करना पड़ रही है कि मामला गंभीर है और इस पर त्वरित गति से कार्रवाई करने की जरूरत है और सरकार इस पर एक्शन ले, ऐसा निवेदन है. अब पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान कुर्सी से उतरते ही निवेदन करते नजर आ रहे हैं.

पूरा मामला समझने के लिए आपको भोपाल लेकर चलते हैं. दरअसल भोपाल में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अवैध रूप से संचालित एक बालगृह को पकड़ा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इस मामले में कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखते हैं, जिसमें वो पूरे मामले का पर्दाफाश करते हैं.

आयोग के अध्यक्ष ने सीएस को लिखा है ये पत्र

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखकर बताते हैं कि भोपाल के आंचल बाल गृह का निरीक्षण किया था. यहां पता चला कि संस्था न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त है. यहां की संलग्न सूची में 68 बच्चियां दर्ज हैं लेकिन मौके पर सिर्फ 41 बच्चियां ही मिली हैं. सभी बच्चियों को बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रखा गया है.

इस बालगृह में उन बच्चियों को रखा जाता है, जिन्हें सड़कों से या किसी दुर्गम जगह से सरकारी संस्थाओं या पुलिस द्वारा रेसक्यू करके लाया जाता है. लेकिन हॉस्टल में रखने से पहले उनको बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होता है लेकिन संस्था ने ऐसा न करते हुए सीधे ही अपने हॉस्टल में बच्चियों को रख लिया और अब यहां से 26 बच्चियां गायब हैं. आपको बता दें कि इस एनजीओ के हॉस्टल में सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट सहित गुजरात, झारखंड और राजस्थान के जिलों की बच्चियां भी रखी जा रही थीं.

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

भोपाल की परवलिया पुलिस थाने में हॉस्टल संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और मुख्य सचिव वीरा राणा से सात दिन में पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तलब की है. फिलहाल इस मामले में पुलिस की जांच जारी है.

ये भी पढ़ें- क्या CM मोहन यादव ले रहे हैं पूर्व सीएम शिवराज से बदला? जीतू पटवारी के दावे में कितना है दम

    follow google newsfollow whatsapp