Cheetah Project MP: मध्य प्रदेश (MP News) के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से एक बार फिर बुरी खबर आई है. खुले जंगल मे छोड़ी गई मादा चीता धात्री (तिबलिसी) की मौत हो गई है. अब तक 6 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है. कूनो नेशनल पार्क में अब तक नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाकर यहां पर बसाये जा चुके हैं. प्रधान मुख्य वन संरक्षक कूनो राष्ट्रीय उद्यान असीम श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि एक और चीता की मौत हो गई है.
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कूनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है, इसे लेकर सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा पेश कर चीतों के मौत की वजह बताई थी और उसके अगले ही दिन कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत ने फिर से चीतों को चर्चा में ला दिया है.
वहीं, इसे लेकर कमलनाथ ने शिवराज सरकार को राजहठ को लेकर तंज कसा है. कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मृत्यु का समाचार आया है. जब से प्रधानमंत्री ने चीतों को यहां छोड़ा है, तब से अब तक नौ चीतों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार लगातार इस बात पर अड़ी हुई है कि वह अन्य किसी जगह पर चीतों को नहीं बसाएगी.
सरकार ने दिया सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा
बता दें कि अब तक कूनो नेशनल पार्क में 6 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है. चीतों की मौतों को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय (Ministry of Environment and Forests) और नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इस एफिडेबिट में कूनो में हो रही चीतों (Cheetah) की मौत की साइंटिफिक वजह बताई गई है.
प्रोजेक्ट चीता के तहत कुल 20 रेडियो कॉलर्ड जानवरों का साउथ अफ्रीका के नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था. इनमें से नामीबियाई चीता ‘ज्वाला’ ने चार चीतों को जन्म दिया. कुल 24 चीतों में से तीन शावकों समेत 8 चीतों की मौत हो चुकी है. लेकिन हलफनामे में कहा गया है कि ये ज्यादा चिंताजनक नहीं है.
ये है चीतों की मौत का कारण
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि चीतों की मौत की वजह प्राकृतिक है. इनमें से किसी भी चीते की मौत अप्राकृतिक वजहों से नहीं हुई है. हलफनामे में ये हवाला दिया गया है कि किसी चीते की मौत शिकार, फंसने जहर, करंट लगने या सड़क पर किसी हादसे की वजह से नहीं हुई है. कूनो में किसी भी अनुपयुक्त कारणों की वजह से चीतों की मौत नहीं हुई है.
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