Dhirendra Shastri in chhindwara: छिंदवाड़ा के सिमरिया में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra krishna Shastri) द्वारा राम कथा का शुभारंभ हो चुका है. कथा (Ramkatha) सुनने के लिए सिमरिया के हनुमान प्रांगण में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है. धीरेंद्र शास्त्री की रामकथा में आम लोगों से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) और सांसद नकुलनाथ भी शामिल हैं. कमलनाथ ने धीरेंद्र शास्त्री को आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक और रक्षक बताया है.
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शनिवार को छिंदवाड़ा पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जोरदार स्वागत किया गया. धीरेंद्र शास्त्री पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के शिकारपुर स्थित निवास पर भी पहुंचे, जहां कमलनाथ ने उनकी आरती उतारकर स्वागत किया. वहीं सांसद नकुलनाथ उन्हें लेने हवाई पट्टी पर पहुंचे और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. निवास के बाद रोड शो कराते हुए धीरेंद्र शास्त्री को कथा स्थल ले जाया गया.
भगवामयी हुआ छिंदवाड़ा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के छिंदवाड़ा पहुंचने से पूरा शहर भगवामयी हो गया है. चारों तरफ रामकथा (Shri rankatha) और धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टर नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 3 दिवसीय रामकथा के लिए छिंदवाड़ा पहुंचे हैं. श्री राम कथा के बीच में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कमलनाथ जी ने हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आमंत्रित किया था. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा हम सब पर श्री हनुमान जी महाराज की कृपा बनी रहे. हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले धीरेंद्र शास्त्री और कमलनाथ के एक साथ आने के बाद कई तरह के सवाल मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजनीति में खड़े हो रहे हैं.
आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक हैं धीरेंद्र शास्त्री!
कथा के दौरान पीसीसी चीफ कमलनाथ ने धीरेंद्र शास्त्री के पधारने पर उनका धन्यवाद दिया. कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा, आदरणीय महाराज जी एवं छिंदवाड़ा की महान जनता, मैं छिंदवाड़ा की जनता को बताना चाहता हूं कि मैंने बागेश्वर धाम जाकर महाराज जी से आग्रह किया था कि वह छिंदवाड़ा पधारें. यह हमारा सौभाग्य है कि महाराज जी ने छिंदवाड़ा की धरती पर पांव रखा. आपने हमारा आग्रह स्वीकार किया. महाराज जी आप मध्य प्रदेश के सबसे बड़े जिले छिंदवाड़ा में आए हैं. इस जिले की अपने आप में पहचान है. संसद में सब लोग वोट से चुनकर आते हैं, लेकिन मैं सांसदों से कहता हूं कि मैं तो इनके प्यार और विश्वास के कारण यहां बैठा हूं. भारत कोई मिलिट्री शक्ति नहीं है भारत की सच्ची शक्ति आध्यात्मिक शक्ति है और आप उस के प्रतीक हैं. आप आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक हैं और आप सब जो यहां हैं इस आध्यात्मिक शक्ति के रक्षक हैं.
भारत कैसा देश है, इसमें कितनी जातियां, कितनी भाषाएं, कितने देवी, कितने देवता हैं, यह अपना भारत है. हमें अपने भारत को समझना है, हमारा मुकाबला गरीबी से है, हमारा मुकाबला बेरोजगारी से है, हमारा मुकाबला अत्याचार से है, यह आज हमारे सामने स्थिति है। मैं फिर से उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं. आपकी तरफ से धन्यवाद देना चाहता हूं कि आपने यहां आकर हमारा छिंदवाड़ा का सम्मान किया और यह भी आश्वासन देकर जाइएगा कि आप यहां आते रहेंगे यह मेरी आपसे प्रार्थना है. आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद.
_ कमलनाथ
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