भारी बारिश नहीं झेल पाई हमीदिया अस्पताल की 727 करोड़ की नई बिल्डिंग, भर-भराकर गिरा छत का हिस्सा

रवीशपाल सिंह

08 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 8 2024 7:46 PM)

Bhopal News: भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया की नई बिल्डिंग में बड़ा हादसा हो गया, जब पहली ही बारिश में इमरजेंसी केबिन की फॉल सिंलिंग का एक बड़ा टुकड़ा भरभराकर गिर गया. मौके पर ड्यूटी कर रहे डॉक्टर बाल-बाल बचे और मरीज हैरान रह गए.

हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग में हो गया बड़ा हादसा.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग की फॉल सीलिंग गिरी, बाल-बाल बचे ड्यूटी डॉक्टर

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बिल्डिंग का उद्घाटन अगस्त 2023 में तत्कालीन CM शिवराज ने किया था

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हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग 727 करोड़ की लागत से बनी है

Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया की नई बिल्डिंग में बड़ा हादसा हो गया, जब पहली ही बारिश में इमरजेंसी केबिन की फॉल सिंलिंग का एक बड़ा टुकड़ा भरभराकर गिर गया. मौके पर ड्यूटी कर रहे डॉक्टर और मरीज हैरान रह गए. गनीमत ये रही कि फॉल सीलिंग दूर गिरी, वरना बड़ा हादसा हो जाता. 

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हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग पर 727 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. कुछ महीने पहले ही इसका ऑपरेशन शुरू हुआ है, लेकिन ये पहली बारिश भी नहीं झेल पाई. जानकारी के मुताबिक, हमीदिया की नई बिल्डिंग में हादसा रात करीब 12.10 बजे हुआ, जब यहां पर इमरजेंसी में केबिन की फॉल सिलिंग गिर गई. इस समय सीएमओ सौमित्र बाथम मरीजों को देख रहे थे.

जब डॉक्टर मरीजों को देख रहे थे, उसी समय फॉल सीलिंग का बड़ा टुकड़ा गिरा. बता दें कि इमरजेंसी में रोजाना 250 से 350 मरीज आते हैं. बता दें कि मरीज सबसे पहले इसी बिल्डिंग में दाखिल होते हैं. ऐसे में यहां की फॉल सीलिंग गिरना काफी गंभीर मामला है.

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अगस्त 2023 में शिवराज सिंह चौहान ने किया था उद्घाटन  

बता दें कि जिस हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग की फॉल सीलिंग गिरी है, उसका उद्घाटन अगस्त 2023 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया था. उस समय पूर्व सीएम ने गांधी मेडिकल कॉलेज के नए ओपीडी ब्लॉक के लिए भूमिपूजन भी किया था.

इमरजेंसी वार्ड की शुरुआत हुई तो सरकार ने इसका खूब प्रमोशन किया और इसे कारपोरेट स्टाइल में शुरू किया था. तब के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि हमारा सपना है कि मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी मेडिसिन डिपार्टमेंट को वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट मिल सके, जैसा प्राइवेट अस्पतालों में होता है. 

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