Hathras Accident: हाथरस में हुए हादसे में मरने वाले 121 लोगों में ग्वालियर निवासी राम श्री नाम की महिला भी शामिल थी. 45 साल की राम श्री ग्वालियर के नौ लोगों के साथ हाथरस में आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए गई थी. लेकिन, सत्संग के बाद हुए हादसे में उनकी मौत हो गई. बुधवार को उनके शव को ग्वालियर के जगजीवन नगर स्थित उनके घर लाया गया. इसके बाद राम श्री के शव का अंतिम संस्कार किया गया.
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हादसे के मां को तलाशता रहा बेटा
राम श्री के बेटे पंकज जाटव ने जानकारी देते हुए बताया कि "उनकी मां अक्सर सत्संग में जाया करती थी. ग्वालियर में भी वे मेला ग्राउंड और तिगरा में आयोजित सत्संग में सात आठ महीने पहले गई थी. परसों यानि सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात को वो ग्वालियर के नौ लोगों के साथ गाड़ी करके हाथरस में आयोजित सत्संग में शामिल होने गई थी.
इसके बाद पंकज को सूचना मिली थी कि उनकी मां मिसिंग हो गई है. पंकज हाथरस पहुंचे, तो वहां उन्हें उनकी मां राम श्री नजर नहीं आई. जिसके बाद वे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जहां उन्हें उनकी मां का शव रखा मिला. बुधवार को राम श्री के शव को ग्वालियर लाया गया. राम श्री का शव घर पहुंचते ही मोहल्ले में मातम पसर गया. राम श्री का अंतिम संस्कार किया गया.
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई पूरी वारदात
राम श्री के साथ सत्संग में जाने वाली वैजयंती बाई ने बताया, कि 10 लोग ग्वालियर से हाथरस सत्संग में शामिल होने गए थे. जिनमें से राम श्री की मौत हो गई. जबकि 9 लोग सुरक्षित हैं. वैजयंती ने बताया कि "जिस वक्त यह हादसा हुआ. उस वक्त वह जल सेवा कर रही थी. इसलिए उन्हें इस हादसे का पता नहीं लगा. जब वह जल सेवा करने के बाद अपनी गाड़ी पर पहुंची. तब घटना के बारे में उन्हें जानकारी मिली.
बेटे की कड़ी कार्रवाई की मांग
राम श्री अपने पीछे तीन बेटे और दो बेटियों को छोड़ गई हैं. राम श्री के पति का पहले ही देहांत हो चुका था. राम श्री के कंधों पर ही घर का पूरा भार था. अब राम श्री के जाने के बाद उनके बड़े बेटे पंकज के कंधों पर घर की जिम्मेदारी आ गई है. पंकज का कहना है कि "हाथरस में हुए हादसे के लिए आयोजक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए".
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