Chambal Rain and weather updates: मध्य प्रदेश में इस समय बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. बीते एक सप्ताह से प्रदेश भर में बारिश का दौर जारी है. जिसके कारण नदी-नालें उफान पर हैं. यही कारण है कि प्रशासन भी एक्टिव नजर आ रहा है. निवाड़ी जिले में हो रही लगातार बारिश ने जिला प्रशासन की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. पहले पृथ्वीपुर में जामनी नदी पर एक मछुआरे फंस गये थे. उनका रेस्क्यू तेज बहाव के चलते नही हो सका फिर ओरछा में जामनी नदी के एक टापू पर मवेशी चराने गये चार युवक फंस गये. हालांकि छह घंटे की मेहनत के बाद चारों युवकों का सफल रेस्क्यू कर लिया गया. रेस्क्यू के दौरान टीम को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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अचानक बढ़ गया नदी का पानी
दरअसल जामनी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था. इस कारण नदी के उस पार गये आजाद पिता कमलेश वंशकार कुमार उम्र 19 साल निवासी चंद्रपुरा, गौरव पिता गणेश वंशकार उम्र 15 साल निवासी चंद्रपुर, राजकुमार पिता डालचंद वंशकार उम्र 21 साल निवासी शकेरा खुर्द और निकेश नाथूराम बांधकर उमर 17 साल निवासी ग्राम शकेरा खुर्द नाम के चार युवक फंस गये. तकरीबन 5 बजे से शुरू हुए SDRF और होमगार्ड के रेस्क्यू अभियान को रात 11:30 बजे यानी करीब छह से सात घंटे बाद सफलता मिली.
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मौके पर आलाधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान पृथ्वीपुर sdop पूनम थापा शर्मा भी पूरे समय मोर्चा संभालती नजर आईं. रेस्क्यू के दौरान नदी का बढ़ता जलस्तर और नदी में मौजूद बड़े बड़े पत्थर चुनौतियों को बढ़ाते रहे. रेस्क्यू के दौरान मुश्किल और तब और बढ़ गई जब टापू पर फंसे युवकों को बचाने गये रेस्क्यू दल के चार गोताखोर भी टापू पर फंस गये. अंधेरा हो जाने से नदी का जलस्तर और बढ़ गया व टापू पर आठों लोग फंसे रहे.
फंसे हुए लोगों ने प्रशासन का किया धन्यवाद
वहीं MPTAK से चर्चा में टापू पर फंसे चारों लोगों ने बताया कि "पहले यह पूरा क्षेत्र खाली था और हम भैंस देखने के लिये बीच में चले गये. अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया और हम टापू पर फंसे रह गये. जिसके बाद उन्हें प्रशासन की मदद से बाहर निकाला गया. चारों लोगों ने निवाड़ी जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है.
लोगों से कलेक्टर ने की अपील
इस पूरे मामले में कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि "जिला प्रशासन को जैसे ही घटना का पता चला वैसे ही मौके पर बचाव दल को लाइफ जैकेट के साथ पहुंचाया गया. टापू पर फंसे सभी की उम्र 20 साल से कम थी. इसलिये उनके भोजन आदि की व्यवस्था करवाई गई. अंधेरा हो जाने के बाद रेस्क्यू की मुश्किलें और बढ़ गई. सभी रेस्क्यू किए गए लोगों को जिले के कलेक्टर एसपी ने समझाइश दी कि वह अपने गांव में लोगों को समझाएं की बरसात के दिनों में वह नदी नालों से दूर रहें"
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