ओंकारेश्वर में बाढ़ के बाद तबाही, लोग बोले- CM को खुश करने के लिए आफत में डाली जान

जय नागड़ा

18 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 18 2023 12:54 PM)

MP News: मध्यप्रदेश में पिछले 4 दिनों से जारी बारिश ने हाहाकार मचा दिया है. लगातार हो रही बारिश के कारण कई शहरों में जलभराव के हालात बने हुये थे. तो वहीं तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में बारिश ने अपना सबसे रौद्र रूप दिखाया है. यहां केवल नर्मदा घाट और उनके किनारे की दुकाने तो डूंबी ही […]

mp weather update mp news flood in omkareshwar mp news update mp breaking news

mp weather update mp news flood in omkareshwar mp news update mp breaking news

follow google news

MP News: मध्यप्रदेश में पिछले 4 दिनों से जारी बारिश ने हाहाकार मचा दिया है. लगातार हो रही बारिश के कारण कई शहरों में जलभराव के हालात बने हुये थे. तो वहीं तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में बारिश ने अपना सबसे रौद्र रूप दिखाया है. यहां केवल नर्मदा घाट और उनके किनारे की दुकाने तो डूंबी ही इसके साथ ही यहां मुख्य बाजार तक पानी पहुंच गया. जिसके कारण भारी नुकसान हुआ है. अब स्थानीय लोगों का आरोप है कि जानबूझकर ये पानी रोका गया है, जिसके कारण ये तबाही हुई है.

यह भी पढ़ें...

दरअसल बारिश थमने के बाद नर्मदा तो शांत हो चुकी है. लेकिन अब यहां के स्थानीय निवासियों की आंखों में काफी गुस्सा है और आंसू हैं. लोगो का प्रशासन पर खुला आरोप है कि, प्रशासन की हठधर्मिता और गैर ज़िम्मेदाराना बर्ताव के कारण ही ये त्रासदी हुई है. लोगों का कहना है कि ‘यहां डेम को सिर्फ इसलिए भरते चले गए कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए ओंकार पर्वत पर वाहन से जाने के लिए बनायीं गई पुलिया पर पानी न आये.

बाढ़ में बाजार का सामान बहा ले गई नर्मदा नदी

ओम्कारेश्वर में पिछले दिनों नर्मदा का रौद्र रूप देखने को मिला है. यहां बाढ़ ने खासा तांडव मचाया है. न सिर्फ़ घाट डूबे, घाट की दुकाने डूबी, नावें बही बल्कि बहुत ऊंचाई पर ओम्कारेश्वर मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार के पहले का पूरा बाज़ार डूब गया. दुकानों में पानी भर गया, यहां जो कुछ भी बिक्री के लिए रखा था, वो सब नर्मदा को भेंट चढ़ गया.

फोटो- एमपी तक

बाजारों में पसरा सन्नाटा

ओमकारेश्वर में जिन दुकानों में भगवान की मूर्तियां, पूजन सामग्री, पीतल या अन्य धातू की मूर्तियां, अन्य कीमती सामग्री या आर्टिफिशियल ज्वेलरी सजी रहती थी वे सब आज खाली दिख रही है, बाज़ार में सन्नाटा पसरा हुआ है. लोगों के चेहरे पर दुःख से ज़्यादा गुस्सा दिख रहा है, लेकिन इसे पढ़ने -सुनने वाला कोई नहीं है. अब जब कुछ सरकारी अधिकारी कर्मचारी नुकसानी के सर्वे के नाम पर आ रहे है तो लोगों गुस्सा फूट रहा है.

ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में कहर बनी बारिश, दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक धंसा; इन जिलों में IMD का अलर्ट

मुख्यमंत्री को खुश करने ला दी बाढ़- स्थानीय लोग

स्थानीय लोगाें का कहना है कि जो भी बाढ़ आई वह प्रशासन की लापरवाही और नाकामी के कारण आई है. पिछले दिनों शंकराचार्य जी की मूर्ति के अनावरण के लिए नर्मदा नदी के घाट पर रपटा बनाया गया था. उसे ज्यों का त्यों रखने के लिए पानी को स्टोर किया गया. एकदम से जब पीछे पानी का प्रेशर बढ़ा तो अचानक सारा पानी छोड़ दिया जिससे बाढ़ आ गई.  लोगों का आरोप है प्रशासन ने मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए ओम्कारेश्वर की जनता जान -माल को दांव पर लगा दिया.

प्रशासन बोला सर्वे किया जाएगा

इधर प्रशासन कहना है कि, इतनी तेज बारिश के चलते ओम्कारेश्वर में जो परिस्थितियां निर्मित उसका प्रमुख कारण यह था, कि ओम्कारेश्वर डेम के अपस्ट्रीम में जो केचमेंट एरिया है. वहां बहुत पानी बरसा साथ ही जो इंदिरा सागर डेम से 44 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया. इससे ओम्कारेश्वर नदी के किनारे जो स्थान थे ,वहां दस फीट तक पानी भर गया. बहुत से स्थान जलमग्न हो गए थे. प्रशासन और पुलिस की पूरी टीम मौजूद थी. मंदिर और नगर पंचायत के एनाउंसमेंट सिस्टम द्वारा लगातार जनता को पानी बढ़ने की सूचना दी जाती रही थी. ओमकारेश्वर डेम के बिल्कुल नीचे है इसलिए यहां तो समय कम मिल पाता है. फिर भी प्रशासन की मुस्तैदी से कोई जनहानि नहीं हुई है. कुछ दुकानों में नुकसानी हुई उनके सर्वे कराये जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: उज्जैन: बाढ़ में गर्भवती समेत फंसे 3 लोग, रेस्क्यू के लिए बुलाना पड़ा हेलीकॉप्टर; 25 गांवों पर मंडराया संकट

    follow google newsfollow whatsapp