pune hit and run case: 'बिजनेस टाइकून का बेटा है, इसलिए छूट गया', महाराष्ट्र पुलिस पर फूटा मृतकों के परिवार का गुस्सा

एमपी तक

21 May 2024 (अपडेटेड: May 21 2024 11:55 AM)

pune hit and run case: महाराष्ट्र के पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एंड रन केस मामले में मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाले युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी  कोष्टा की दर्दनाक मौत हुई है.

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pune hit and run case: महाराष्ट्र के पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एंड रन केस मामले में मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाले युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी  कोष्टा की दर्दनाक मौत हुई है. अश्विनी के शव को सोमवार की शाम सड़क रास्ते पुणे से जबलपुर लाया गया. अश्विनी  की मौत से उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. 

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आपको बता दें कि इस पूरे मामले में  महाराष्ट्र पुलिस एक्शन मोड में नजर आ रही है. यही कारण है कि नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को मंगलवार सुबह संभाजीनगर से हिरासत में लिया गया है. बता दें कि पुणे में 19 मई की सुबह एक रियल स्टेट डेवलपर के 17 वर्षीय बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार युवक-युवती को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. पूरी घटना के बाद मृतकों के घरों पर मातम पसरा हुआ है. कोई बेटा-बेटी को तो कोई बहन को याद कर रोए जा रहा है. 

मृतक अश्वनी कोष्टा के परिवार ने बातचीत के दौरान पिता ने कहा, "मेरे पूरे सपने चूर-चूर हो चुके हैं, तो वहीं भाई बोला मेरी बहन हमेशा के लिए चली गई अब मैं अकेला रह गया हूं" 

 

क्या बोला अश्विनी का भाई?

मृतक इंजीनियर अश्विनी कोष्टा के भाई समप्रीत कोष्टा ने बताया कि बहन ने पढ़ाई पुणे से ही की थी. जॉब के सिलसिले में 4 महीने पहले ही वापस शिफ्ट हुई थी. मेरी छोटी बहन पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. अब मैं अकेला रह गया हूं. पिताजी से रोज बात करती थी. हादसे से पहले उसने बताया था कि पार्टी के लिए  खाना खाने बाहर जा रहे हैं. फिर वो खबर आई जिसने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया. 

समप्रीत आगे बताते हैं कि, उसके ही मोबाइल फोन से ही कॉल आया था. उसके दोस्तों ने कॉल किया था. एक नाबालिग इतनी महंगी कार चला रहा था, इतनी स्पीड में था कि उसकी कार दिख भी नहीं रही थी. ये सुविधाओं का दुरुपयोग है. इसलिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. 

मृतक अनीस के चाचा ने पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल

मृतक अनीस के चाचा ने बातचीत के दौरान कहा, "यह केस वास्तव में 304 A का है. पुलिस ने गलत विवेचना की है. बेल की जो कंडीशन है", ये हास्यापद है. नए एक्ट के मुताबिक 7 साल की सजा है. महाराष्ट्र में पुलिस बिक चुकी है. 304 के तहत आरोपियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या की है. जुबेनाइल बोलकर छोड़ दिया गया. 

जो बेल की कंडीशन है वो 5 क्लास के बच्चे को भी पढ़ा दिया जाता है. हास्यास्पद है जो बेल की कंडीशन लगाई है. आरोपी 3 करोड़ की कार चलाता है. यदि कोई आम आदमी होता तो फंस जाता. बिजनेस टाइकून का बेटा है, इसलिए छूट गया. इसने पहले भी एक्सीडेंट किया है, लेकिन तब भी छूट गया था, इस बार भी छूट गया है. हालांकि पुलिस ने नाबालिग युवक के पिता को हिरासत में 

"यह तो मानव बम है. अगर इस तरह छोड़ दिया जाता है आरोपी को. ये तो कल किसी और भी मारा जाएगा. कैसे उनके पिता ने गाडी दी. उनके माता पिता को कोर्ट में ले जाना चाहिए. 3 करोड़ की गाडी कैसे दी पूछा जाना चाहिए."

शिवसेना नेता संजय राउत ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

शिव सेना नेता संजय राउत ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पुलिस कमिश्नर को संस्पेंड कर देना चाहिए, क्योंकि, उसने आरापियों को बचाने की काशिश की है. एक युवा कपल को जिस बेरहमी के साथ कुचल दिया गया. और जो शराबी लड़का है उसको पुलिस ने 2 घंटे में छोड़ दिया? शराब पीने का वीडियो भी सामने है. कौन मदद कर रहा है, कोई और नहीं पुलिस कमिश्नर ही मदद कर रहा है."

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