पुरी शंकराचार्य ने अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा पर उठाए सवाल, कहा- पीएम लोकार्पण करेंगे और हम क्या..?

विजय मीणा

04 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 4 2024 6:28 AM)

Ram Mandir Pran Pratishtha: ओडिशा के जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अयोध्या में होने 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विरोध जताया है. उन्होंने बुधवार को रतलाम में बड़ा बयान दिया.

Swami Nishchalananda Saraswati Puri Shankaracharya PM Narendra Modi Ram Mandir Ram Lalla Consecration Ceremony

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Ram Mandir Pran Pratishtha: ओडिशा के जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अयोध्या में होने 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विरोध जताया है. उन्होंने बुधवार को रतलाम में बड़ा बयान दिया. जनवरी महीने में होने वाले श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शरीक नहीं होंगे. रतलाम में हिंदू जागरण सम्मेलन को त्रिवेणी तट पर संबोधित करने आए स्वामी जी ने मिडिया से चर्चा करते हुए कहा, “मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेगे और हम वहां तालियां बजाएंगे क्या? मेरा जो पद है उसकी भी मर्यादा है. कार्यक्रम में प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए… इसलिए मैं अयोध्या नहीं जाऊंगा?”

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पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि आज सभी प्रमुख धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है. इस तरह इन्हें भोग-विलासता की चीजों को जोड़ा जा रहा है, जो ठीक नहीं है.

बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, जिसे लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. इस समारोह को भव्य बनाने के लिए यूपी सरकार और अयोध्या प्रशासन दमखम से जुटा हुआ है. राम मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार है, जिसे सजाया-संवारा जा रहा है. पीएम मोदी को श्रीराम जन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में आमंत्रित किया गया है. यानी इस बात की पूरी संभावना है कि प्रधानमंत्री अपने हाथों से ही रामलला की मूर्ति को गर्भ गृह में सिंहासन पर विराजमान करवाएंगे.

मैं वहां तालियां बजाकर जय जयकार करूंगा क्या?- शंकराचार्य

पुरी शंकराचार्य रतलाम में त्रिवेणी तट पर हिंदू जागरण सम्मेलन को संबोधित करने आए शंकराचार्य निश्चलानंद ने मिडिया से बातचीत में कहा, ‘मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या? मेरे पद की भी मर्यादा है. राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए, ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं’.

आमंत्रण मिलने के सवाल पर ये बोले- शंकराचार्य

राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मिले निमंत्रण के बारे में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, ‘मुझे जो आमंत्रण मिला है उसमें लिखा है कि आप और आपके साथ सिर्फ एक व्यक्ति आयोजन में आ सकता है. इसके अलावा हमसे किसी तरह का अब तक संपर्क नहीं किया गया है, जिस कारण मैं आयोजन में नहीं जाऊंगा’. उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर जिस तरह की राजनीति हो रही है, वह नहीं होनी चाहिए. इस समय राजनीति में कुछ सही नहीं है. पुरी के शंकराचार्य ने धर्म स्थलों पर बनाए जा रहे कॉरिडोर की भी आलोचना की.

‘सभी प्रमुख धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है’

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि आज सभी प्रमुख धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है. इस तरह इन्हें भोग-विलासता की चीजों को जोड़ा जा रहा है, जो ठीक नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया में चाहे जिस भी धर्म के लोग हों, उन सभी के पूर्वज हिंदू थे. बता दें कि निश्चलानंद सरस्वती पुरी के पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धन पीठ के वर्तमान 145वें जगद्गुरु शंकराचार्य हैं. स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का जन्म 1943 में बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था. वह दरभंगा के महाराजा के राज-पंडित के पुत्र हैं.

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